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Indo-US के बीच कारोबारी रिश्तों को मजबूती दे सकती हैं बाइडेन की नीतियां

अब बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया भर के देश उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका की आर्थ‍िक नीतियों के मामले में स्थायित्व का एक दौर आएगा और पूरे विश्व को इसका फायदा भी मिलेगा.

Updated on: 21 Jan 2021, 01:25 PM

नई दिल्ली :

बुधवार को जो बाइडेन ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उनकी इस शपथ के साथ ही अमेरिका में अब बाइडेन युग की शुरुआत हो चुकी है. आपको बता दें कि अमेरिका की सत्ता परिवर्तन पर पूरी दुनिया की नजरें लगी हुईं थीं. अब बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया भर के देश उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका की आर्थ‍िक नीतियों के मामले में स्थायित्व का एक दौर आएगा और पूरे विश्व को इसका फायदा भी मिलेगा. बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर आने के बाद से विशेष तौर पर भारत-अमेरिका के बीच कारोबारी रिश्तों के और भी बेहतर और मजबूत होने की उम्मीदें लगाईं जा रहीं हैं. 

बाइडेन के अमेरिकी सत्ता में आने के बाद हम इस बात की उम्मीद कर सकते हैं कि व्यापार के मामले में भारत-अमेरिका रिश्तों में भारी बदलाव हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका उन कुछ देशों में से है जिनके साथ भारत का व्यापार घाटे में नहीं बल्कि सरप्लस है. इसके मुताबिक अमेरिका से भारत में सामान के आयात के मुकाबले भारत वहां निर्यात ज्यादा करता है. 

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ये होंगी बड़ी चुनौतियां 
हम एक बात और बता दें कि इतनी जल्दी ये उम्मीद लगा लेना भी भारत के लिए ठीक नहीं होगा कि व्यापारिक रिश्तों में तत्काल कोई बड़ा बदलाव आ जाएगा या अमेरिका भारत को तुरंत कोई बड़ी रियायत दे देगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड से निपटने में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पहले से ही बहुत ज्यादा खराब है जिसकी वजह से अमेरिका में बेरोजगारी काफी ज्यादा बढ़ी है. अतः ऐसे में हम सिर्फ अपने फायदे के लिए अमेरिका से उम्मीदें लगाए बैठे रहें तो ये सही नहीं होगा. ऐसा माना जा रहा है कि नए राष्ट्रपति बाइडेन ऐसी स्थाई और अनुकूल रणनीतियां तैयार करेंगे जो ग्लोबल बिजनेस के लिए प्रॉफिटेबल होगा और यहीं पर भारत को भी लाभ मिलेगा.

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वीजा मामले में आ सकती है नरमी
अनुमान ऐसे भी लगाए जा रहे हैं कि कोविड के बाद बाइडेन अमेरिकी की इकोनॉमी को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे और इसका फायदा पूरी दुनिया की इकोनॉमी को होगा. भारत को उम्मीद है कि वीजा मानकों में नरमी और व्यापार नीतियों में नरमी होगी. हालांकि अभी यह भी देखना होगा कि बाइडेन अपनी नीतियों को किस तरह से आगे बढ़ा पाते हैं कि क्योंकि सीनेट में डेमोक्रेट का  बहुत मामूली बहुमत में ही है. अमेरिका में भारी बेरोजगारी को देखते हुए इस बात के लिए दबाव बढ़ सकता है कि वीजा मामले में अभी नरमी न बरती जाए.

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फार्मा इंडस्ट्री को मिल सकता है फायदा
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में कहा था कि वो अमेरिका में हेल्थकेयर पर खर्च और ज्यादा बढ़ाएंगे और अफोर्डेबल केयर एक्ट यानी ओबामा केयर का विस्तार करेंगे. इन दोनों कदमों का भारत की फॉर्मा इंडस्ट्री को आने वाले समय में काफी फायदा होने की उम्मीदें दिखाई दे रही हैं.  भारत से बड़े पैमाने पर अमेरिका को जेनरिक दवाओं की आपूर्ति की जाती है.