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Rahul Gandhi Disqualification: अमेरिका में भी राहुल गांधी के चर्चे, बाइडन प्रशासन रख रहा नजर

राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर मानहानि के मामले में सूरत की अदालत के दोषी करार देने के बाद कांग्रेस नेता को नोटिफिकेशन के जरिये लोकसभा से अयोग्य करार दे दिया गया है. इस मसले पर अमेरिका की जो बाइडन सरकार भी नजर रखे हुए है.

Updated on: 28 Mar 2023, 07:09 AM

highlights

  • राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद पहली बार आया अमेरिका का बयान
  • भारतीय अदालतों में कांग्रेस नेता के मामले पर नजर बनाए हुए है बाइडन प्रशासन
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता मूल में

वॉशिंगटन:

अमेरिका (America) ने मानहानि के आपराधिक मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी करार दिए जाने और फिर इसी आधार पर लोकसभा से अयोग्य ठहराए (Rahul Gandhi Disqualification) जाने का जिक्र करते हुए कहा कि कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है. एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल (Vedant Patel) ने कहा, 'हम भारत की अदालतों में श्री गांधी के मामले को देख रहे हैं. निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता भारत सरकार के साथ है. भारतीय साझेदारों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में हम दोनों लोकतंत्रों को मजबूत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक (Democracy) सिद्धांतों और मानवाधिकारों (Human Rights) की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom Of Speech) के महत्व को उजागर करना जारी रखे हैं'

विपक्षी पार्टी के भी संपर्क में रहना अमेरिका की सामान्य प्रक्रिया
गौरतलब है कि राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद केरल के वायनाड, केरल से लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उन्हें अयोग्य करार देने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है. वेदांत पटेल से यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत या राहुल गांधी के साथ बातचीत कर रहा है, उन्होंने कहा, 'मेरे पास इस बारे में कहने के लिए कुछ विशेष नहीं है. हालांकि जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा विभाग इस पर भी नजर रखे हुए है, जो अमेरिकी प्रशासन की बेहद सामान्य प्रक्रिया है. हमारे लिए द्विपक्षीय संबंधों वाले किसी भी देश में विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ जुड़ने के लिए मानक स्थापित हैं, लेकिन मेरे पास और कुछ खास कहने के लिए नहीं है.'

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राहुल गांधी को सरकारी आवास खाली करने का भी अल्टीमेटम
यह अलग बात है कि सांसद के रूप में अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद राहुल गांधी सत्ता प्रतिष्ठान के प्रति उपेक्षापूर्ण और कड़े तेवर वाला रवैया ही अपनाए हैं. लोकसभा से अयोग्य होने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस नेता ने कहा था कि उन्होंने अडानी के मुद्दे पर केवल एक ही सवाल पूछा था. उन्होंने कहा कि वह सवाल पूछते रहेंगे और भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे. राहुल गांधी ने कहा था, 'भले ही वे मुझे स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दें, मैं अपना काम करता रहूंगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या नहीं. मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा.' अयोग्य करार दिए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को राहुल गांधी से 22 अप्रैल तक अपना सरकारी आवास भी खाली करने को कहा है.