logo-image

Brazil बना अमेरिका का कैपिटल हिल, पूर्व प्रेसिडेंट बोलसोनारो समर्थकों का संसद पर धावा

सैकड़ों जेयर बोलसोनारो समर्थक लोकतांत्रिक संस्थाओं के बाहर लगे बैरिकेड्स तोड़ रैंप पर चढ़ गए. अंदर तोड़-फोड़ की और सैन्य शासन लगा लूला डी सिल्वा को हटाए जाने के नारे लगाए.

Updated on: 09 Jan 2023, 09:20 AM

highlights

  • पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो समर्थकों का पदस्थ राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के खिलाफ विद्रोह
  • संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट समेत प्रेसिडेंशियल पैलेस पर धावा बोल मचाया हिंसक उत्पात
  • डोनाल्ड ट्रंप समर्थक जेयर बोलसोनारो चुनाव हारने के बाद फ्लोरिडा में जाकर रह रहे हैं

ब्राजीलिया:

ब्राजील (Brazil) रविवार को अमेरिका के कैपिटल हिल और इराक के बगदाद जैसा नजर आया. पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो (Jair Bolsonaro) के हजारों समर्थकों ने पदस्थ राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) के खिलाफ आक्रोश जताते हुए प्रेसिडेंशियल पैलेस समेत सुप्रीम कोर्ट और संसद भवन पर धावा बोल दिया. बोलसोनारो समर्थकों ने ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं के बाहर लगे सुरक्षा बैरिकेड्स रौंद डाले और पार्टी के हरे-पीले झंडे के साथ कुछ समय के लिए लोकतंत्र की प्रतीक संस्थाओं पर कब्जा सा कर लिया. लूला डी सिल्वा के खिलाफ हुए इस आक्रामक प्रदर्शन की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden), संयुक्त राष्ट्र महासचिव समेत कई अन्य देशों ने कड़ी निंदा की है. बोलसेनारो समर्थकों के उत्पात से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालांकि इस हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद जेयर बोलसेनारो ने भी इसकी निंदा की है. गौरतलब है कि चुनाव अभियान के दौरान ही जेयर बोलसोनारो ने ऐसे बयान दिए थे कि वह आसानी से हार मानने वाले नहीं है. ऐसे में ताजा हिंसा को उनके बयानों से जोड़ कर देखा जा रहा है. ब्राजील के ग्लोबो टीवी के मुताबिक राष्ट्रपति लूला ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर सुरक्षा इंतजाम और पुख्ता किए जाने के निर्देश दिए हैं. 

बोलसोनारो समर्थकों ने लूला डी सिल्वा को हटाने के लगाए नारे
यह हमला पिछले सप्ताह पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन में ब्राजील के नवनियुक्त राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डी सिल्वा के पदभार संभालने के समय हुए विरोध के बाद हुआ है. एएफपी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों जेयर बोलसोनारो समर्थक लोकतांत्रिक संस्थाओं के बाहर लगे बैरिकेड्स तोड़ रैंप पर चढ़ गए. अंदर तोड़-फोड़ की और सैन्य शासन लगा लूला डी सिल्वा को हटाए जाने के नारे लगाए. विरोध को शांत करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने समेत सख्त कदम उठाने पड़े. इसके बाद ब्राजीलिया में संसद भवन के आसपास के क्षेत्र को बंद कर दिया गया. यह नजारा  6 जनवरी 2021 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा यूएस कैपिटल बिल्डिंग में मचाए गए उत्पात की तरह था. गौरतलब है कि जेयर बोलसोनारो और डोनाल्ड ट्रंप एक-दूसरे के निकट सहयोगी रहे हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बोलसोनारो चुनाव हारने के बाद दिसंबर में ब्राजील छोड़ फ्लोरिडा चले गए थे, जहां डोनाल्ड ट्रंप रहते हैं. इसी तरह बीते साल जुलाई में इराक के प्रभावशाली मौलवी और शिया नेता मुक्तदा अल-सदर के प्रति अपना समर्थन जाहिर करते सैकड़ों प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए और उस पर कब्जा कर लिया था. 

यह भी पढ़ेंः Weather Update: दिल्ली में ठंड के साथ घना कोहरा, जानें अपने प्रदेश का हाल

लूला ने विद्रोह को भड़काने का आरोप लगा बोलसोनारो समर्थकों को फासीवादी कट्टरपंथी करार दिया
साओ पाउलो से एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति लूला ने बोलसोनारो पर विद्रोह को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया. लूला ने बोलसोनारो के समर्थकों को फासीवादी कट्टरपंथी करार दिया. लूला ने कहा, 'उन्होंने जो किया उसकी कोई मिसाल नहीं है और इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए.' हालांकि जेयर बोलसोनारो ने लूला के आरोपों को खारिज कर अपने समर्थकों के उत्पात की कड़ी निंदा की है. बोलसोनारो ने ट्वीट किया शांतिपूर्ण विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन सार्वजनिक भवनों पर तोड़फोड़ और आक्रमण अपवाद हैं और कतई स्वीकार्य नहीं हैं. ब्राजील के कानून मंत्री फ्लेवियो डीनो ने कहा कि लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया  है. सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और सख्त कदम उठाए. जिस वक्त बोलसोनारो समर्थकों ने उत्पात मचा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला किया उस वक्त वामपंथी नेता लूला डी सिल्वा दक्षिण-पूर्वी राज्य साओ पाउलो के बाढ़ प्रभावित शहर अरराक्वारा का दौरा कर रहे थे.

यह भी पढ़ेंः 

🚨HAPPENING NOW: Supporters of Jair Bolsonaro storm Brazil’s National Congress. pic.twitter.com/Z5GCCuPpDy

January 8, 2023

जो बाइडन समेत कई राष्ट्राध्यक्षों ने की निंदा
ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों की हिंसा पर कई देशों ने कड़ी निंदा व्यक्त की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमले की निंदा की. एक ट्वीट में बाइडन ने जोर देकर कहा कि ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अमेरिका का पूरा समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा, 'मैं लोकतंत्र पर हमले और ब्राजील में सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पर हमले की निंदा करता हूं. ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों को हमारा पूरा समर्थन है और ब्राजील के लोगों की इच्छा को कम नहीं किया जाना चाहिए. मैं @LulaOficial के साथ काम करना जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.' गुटेरेस ने इस बात पर जोर दिया कि ब्राजील के लोगों और लोकतांत्रिक संस्थानों की इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए.