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Joe biden ( Photo Credit : social media )
इजरायल का हर मोर्चे पर साथ देने वाले अमेरिका ने इस बार संयुक्त राष्ट्र में उसके खिलाफ आए प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया है. गाजा में मानवीय सहायता के लिए युद्ध रोकने की मांग वाले प्रस्ताव राष्ट्र सुरक्षा परिषद से पारित किया गया है. इस प्रस्ताव को स्थाई और 10 अस्थायी सदस्यों का साथ मिला. इसे लेकर किसी ने विरोध नहीं किया है. वहीं इजरायल के खास समर्थक रहे अमेरिका, ब्रिटेन और रूस इस मतदान से दूरी बनाई है. ऐसा पहली बार देखने को मिला कि दो धुर विरोधी खेमे एक साथ नजर आए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कहना है कि गाजा मे मानवीय सहायता के लिए कॉरिडोर बनाया जाए. इसके साथ युद्ध पर विराम लगे. इस दौरान हमास की निंदा किए बगैर वह वोटिंग पर गैरहाजिर हो गया. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, हम इस बात से हैरान है कि परिषद के कई सदस्यों ने हमास के हमले की निंदा भी नहीं की है. आपको बता दें कि इजरायल पर सात अक्टूबर को हमास ने बर्बर हमला किया था. इसके बाद ही बचाव में हमले कर रहा है.
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लिंडा थॉमस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से उनकी अपील है कि सभी एक मत से हमास के हमले की निंदा की जाए. अमेरिका ने कहा कि इस प्रस्ताव की हम निंदा करते हैं. क्योंकि इस प्रस्ताव मे हमास की निंदा नहीं की गई है. वहीं यूके ने भी यही मुद्दा उठाया. हालांकि ब्रिटेन का कहना है कि यह दुख की बात है कि इस प्रस्ताव में हमास की आलोचना नहीं की है. वहीं रूस इस प्रस्ताव से दूर रहने की अलग बताई है. वहीं रूस की ओर से प्रतिनिधि वैसिली नेबेन्जया ने कहा कि इस प्रस्ताव में तुरंत युद्ध पर विराम लगाने का प्रस्ताव नहीं है. रूस ने कहा कि किसी तरह की मानवीय मदद के लिए यह जरूरी है कि युद्ध पर तत्काल रोक लगाई जाए.
इजरायल का कहना है कि हमास पर चर्चा न कर इस प्रस्ताव को लाना गलत है. इजरायल के प्रतिनिधि जोनाथन मिलर ने कहा कि प्रस्ताव सच्चाई से परे है. इजरायल ने यूएनएससी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीते छह सप्ताह में 10 बैठकें होने के बाद भी हमास पर किसी तरह की चर्चा तक नहीं हुई है.
Source : News Nation Bureau