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तालिबान राज में कुपोषण से मर रहे मासूम, 10 लाख बच्चों को इलाज की जरूरत

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद बच्चे भूख से मर रहे हैं, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय सूत्रों ने शनिवार को चेतावनी दी कि साल के अंत तक वहां दस लाख बच्चों को जानलेवा कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है.

Updated on: 03 Oct 2021, 09:13 AM

highlights

  • कुपोषण से प्रभावित घोर प्रांत में 17 बच्चों की मृत्यु
  • भूख के प्रभाव से लगभग 300 बच्चों का इलाज किया गया
  • देश के मध्य भागों में सैकड़ों बच्चों को भुखमरी का खतरा

काबुल:

अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद बच्चे भूख से मर रहे हैं, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय सूत्रों ने शनिवार को चेतावनी दी कि साल के अंत तक वहां दस लाख बच्चों को जानलेवा कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है. प्रभावित प्रांतों में से एक घोर में अस्पताल पहुंचने वालों में से कम से कम 17 बच्चों की पिछले छह महीनों में कुपोषण से मौत हो गई है. यह जानकारी प्रांत के जन स्वास्थ्य निदेशक मुल्ला मोहम्मद अहमदी ने दी है. उन्होंने कहा कि भूख के प्रभाव से लगभग 300 का इलाज किया गया है. 

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उन्होंने कहा कि देश के मध्य भागों में सैकड़ों बच्चों को भुखमरी का खतरा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि वर्ष के अंत तक अफगानिस्तान में पांच साल से कम उम्र के दस लाख बच्चों को जानलेवा गंभीर कुपोषण के इलाज की आवश्यकता होगी, जबकि अन्य 3.3 मिलियन बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित होंगे. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह घोर में मौतों की संख्या की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें डर है कि बहुत सारे बच्चे इसकी कीमत चुका रहे हैं. 

यूनिसेफ के सलाम अल-जनाबी ने कहा कि नेटवर्क बाधित होने की वजह से पहले एजेंसी ठीक से निगरानी कर पाने में सक्षम नहीं था, लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि हम वास्तव में इस तरह का सामना कर रहे हैं. अगस्त के मध्य में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान पहले से ही गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है. सूखे के प्रभाव, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और नौकरी नहीं होने की वजह से सब कुछ ठप सा हो गया है. यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय सहायता और वित्त पोषण सहायता में कमी से इसे और जटिल बना दिया गया है.