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इंडोनेशिया में सेमेरू ज्वालामुखी में विस्फोट, 13 मरे और सैकड़ों घायल

पूर्वी जावा प्रांत के दो जिले इस घटना से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है.

Updated on: 05 Dec 2021, 11:28 AM

highlights

  • सेमेरु इंडोनेशिया के 130 सक्रिय ज्वालामुखी में से एक
  • ज्वालामुखी के पांच किमी के दायरे में रहने वालों को चेतावनी
  • आसमान में 50 हजार फीट तक उठा धुएं और राख का गुबार

जावा:

इंडोनेशिया की सबसे घनी आबादी वाले जावा के सबसे ऊंचे पर्वत सेमेरू पर स्थित ज्वालामुखी के फटने से आसपास के कई किमी इलाके में दिन में ही रात हो गई है. ऐसा ज्वालामुखी से निकले लावा से उठे धुएं और राख की वजह से हुआ है. इसके साथ ही ज्वालामुखी विस्फोट से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 13 हो गई है. इसके अलावा राहत काम में जुटे कर्मचारियों ने मलबे से 10 लोगों को बचाने में सफलता हासिल कr है. इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी बीएनपीबी के मुताबिक मारे गए लोगों में से दो की पहचान हो गई है. 

सैकड़ों घायल और हजारों को सुरक्षित पहुंचाया गया
एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी के अनुसार ज्वालामुखी विस्फोट से दो गर्भवती महिलाओं समेत 98 लोग घायल हुए हैं. अभी तक 902 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. बचाव कर्मियों के मुताबिक कुराह कोकोबन गांव में अभी भी कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है. पूर्वी जावा प्रांत के दो जिले इस घटना से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. पूर्वी जावा प्रांत के आपदा प्रबंधन के प्रमुख बुडी सैंटोसा ने कहा कि उनकी टीम अब ज्वालामुखी के पास के क्षेत्र में निकासी करने की कोशिश कर रही है. बीएनपीबी ने ज्वालामुखी के पांच किमी के दायरे में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की चेतावनी जारी की है. 

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आसमान में 50 हजार फीट तक धुएं-राख का गुबार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ लोग ऐसे क्षेत्रों में फंसे हुए हैं जहां बचावकर्मियों की पहुंच नहीं है. घने धुएं के गुबार से लोगों को निकालने के प्रयास बाधित हो रहे हैं. सेमेरु इंडोनेशिया के 130 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और सबसे घनी आबादी वाले प्रांतों में से एक में स्थित है. यह इस साल का दूसरा विस्फोट है. पिछला एक जनवरी में हुआ था और इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था. ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आसमान से राख, मिट्टी और पत्थरों की बारिश हुई. आसमान में यह राख 50,000 फीट (15,000 मीटर) तक दिखाई दे रही है.