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यूक्रेन में भारतीय छात्र( Photo Credit : News Nation)
रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 11वां दिन हैं. रूस यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमला कर रहा है. यूक्रेन की जनता जान बचाने के लिए पड़ोसी देशों की तरफ पलायन कर रही है तो दूसरी तरफ जनता का एक वर्ग हथियार लेकर युद्ध में भाग ले रही है. इस बीच दुनिया के कई देशों के सामने अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालने की चुनौती है. भारत भी अपने यूक्रेन में अपने नागरिकों और छात्रों को निकालने के लिए तत्पर है. कीव में भारतीय दूतावास ने रविवार को यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों से कहा है कि वे ‘तत्काल आधार’ पर एक ऑनलाइन फॉर्म भरें. जैसा कि यूक्रेन में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, भारत के दूतावास ने एक नई एडवाइजरी में कहा, “सभी भारतीय नागरिक जो अभी भी यूक्रेन में हैं, उनसे अनुरोध है कि वे तत्काल आधार पर अटैच गूगल फॉर्म ( Google Form) में जरूरी विवरण भरें. सुरक्षित रहें, मजबूत बनें.”
दूतावास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने एक गूगल फॉर्म पोस्ट किया जिसमें नाम, पासपोर्ट नंबर और वर्तमान स्थान जैसे बुनियादी विवरण मांगे गए है. भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए “ऑपरेशन गंगा” शुरू किया है और चार केंद्रीय मंत्रियों को प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में यूक्रेन के पड़ोसी देशों में तालमेल के लिए भेजा गया है.
रूसी सैनिकों ने शहरों को घेरना जारी रखा है और देश से पलायन करने को मजबूर यूक्रेनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 14 लाख हो गई है. पुतिन इसके लिए लगातार पूरी तरह से यूक्रेनी नेतृत्व को दोषी ठहरा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जो वे (यूक्रेनी) कर रहे हैं और अगर उसे जारी रखा तो वे यूक्रेन के देश के दर्जे पर सवाल उठाने का आह्वान कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो इसके लिए वे पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.'
उन्होंने रूस की अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचाने और उसकी मुद्रा को कमजोर करने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंधों पर पश्चिमी देशों को आड़े हाथ लिया. पुतिन ने रूसी विमानन कंपनी एयरोफ्लोट के फ्लाइट अटेंडेंट के साथ हुई मुलाकात में कहा, 'लगाए जा रहे प्रतिबंध युद्ध की घोषणा के समान हैं, लेकिन भगवान का शुक्र है, हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं.'
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यूक्रेन के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि रूस द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद ही रूसी तोपखाने और विमानों ने बमबारी शुरू कर दी, जिससे मारियूपोल और पूर्वी शहर वोलनोवाखा से लोगों को निकालने की प्रक्रिया बाधित हुई, जबकि पुतिन ने यूक्रेन पर इस प्रक्रिया को ध्वस्त करने का आरोप लगाया.
पुतिन ने कहा कि रूस ने हथियार के गोदामों, गोला-बारूद के डिपो, विमानन और वायु रक्षा प्रणालियों सहित यूक्रेन के मुख्य सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के मिशन को व्यावहारिक रूप से पूरा कर लिया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुतिन के हवाले से कहा, "रूस की सेना अपने सभी सौंपे गए कार्यो को पूरा करेगी और यूक्रेन में अभियान योजना और कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है."
पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल हो जाता है, तो पूरा सैन्य गुट कीव को सैन्य रूप से समर्थन देने के लिए बाध्य है और यूक्रेन क्रीमिया में प्रवेश कर सकता है, जिससे रूस और नाटो के बीच सीधे संघर्ष हो सकता है. पुतिन ने कहा कि रूस, यूक्रेन के विसैन्यीकरण की मांग करता है. कीव के साथ बातचीत की मेज पर कई अलग-अलग विकल्प हैं.
यूक्रेन के अधिकारी दविद अरखामिया ने शनिवार को बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच अगले दौर की वार्ता सोमवार को होगी. अरखामिया यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की सर्वेंट ऑफ द पीपुल पार्टी के संसदीय दल के प्रमुख और रूस के साथ बातचीत के लिये देश के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं. सोमवार को तीसरे दौर की वार्ता होगी क्योंकि दोनों पक्ष संघर्ष विराम और आम नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं.
मास्टरकार्ड और वीजा रूस में अपनी सेवाएं बंद रहे हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों और अनेक कंपनी द्वारा देश से अपने कारोबारी संबंध समाप्त करने के क्रम में यह एक नया कदम है. मास्टरकार्ड ने शनिवार को कहा कि रूसी बैंकों की ओर से जारी कार्ड को अब उसका नेटवर्क स्वीकार नहीं करेगा. साथ ही किसी अन्य देश में जारी हुआ कार्ड रूस के स्टोर अथवा एटीएम में काम नहीं करेगा. वहीं वीजा ने कहा कि वह आने वाले दिनों में रूस में सभी लेन देन पर रोक लगाने के लिए उपभोक्ताओं और साझेदारों के साथ काम कर रहा है.
रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन में मौजूदा संकट का भारत-रूस संबंधों सहित पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा और इसके प्रभाव की अभी कल्पना नहीं की जा सकती है. साथ ही, रूसी राजदूत ने कहा कि भारत रूस के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए स्थिति का लाभ उठा सकता है क्योंकि रूस के पश्चिमी भागीदारों ने इसके साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है.
युद्ध की विभीषिका के दौरान यूक्रेन की राजधानी कीव में सैकड़ों पुरुष देश की सेना में शामिल होने के लिए कतार में खड़े नजर आ रहे हैं. यूक्रेन की सरकार ने एक आदेश जारी कर 18 से 60 साल के उम्र के पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है ताकि सैन्य कार्यों के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि पड़ोसी देशों में शरण पाने के लिए 15 लाख से अधिक शरणार्थी यूक्रेन छोड़ चुके हैं.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से कहा है कि चीन ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा जो यूक्रेन में 'आग में घी डालने का काम करता हो.' ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया देख रही है कि कौन से देश स्वतंत्रता और संप्रभुता के सिद्धांत के साथ खड़े हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने शनिवार को फोन पर बातचीत की.