UNSC में यूक्रेन मसले पर भारत ने पहली बार किया रूस के खिलाफ मतदान

रूस के राजदूत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की भागीदारी पर 'प्रक्रियात्मक वोटिंग' का अनुरोध किया था. इस अनुरोध के बाद भारत समेत 13 सदस्यों ने रूस के विरोध को खारिज कर दिया.

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Nihar Saxena
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यूएनएससी में भारत की स्थायी राजदूत रुचिरा कंबोज.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

यूक्रेन पर हमले के छह महीने बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने परंपरागत दोस्त रूस के खिलाफ पहली बार 'प्रक्रियात्मक मतदान' किया. इसके बाद 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र ने वीडियो टेलीकांफ्रेंस के जरिये यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) को बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया. यूक्रेन (Ukraine) के मसले पर भारत ने पहली बार रूस (Russia) के खिलाफ वोटिंग की है. अभी तक भारत अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस के खिलाफ मतदान से बचता आया है. इसके साथ ही भारत ने यूक्रेन पर हमले पर रूस (Russia Ukraine War) की निंदा भी नहीं की है. इसको लेकर अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र में इस 'प्रक्रियात्मक मतदान' में रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जेलेंस्की की वर्चुअल भागीदारी के खिलाफ वोट दिया, तो चीन ने फिर मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 

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भारत ने अभी तक रूस की निंदा नहीं की
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक और अन्य तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. रूस के खिलाफ पहली बार आहूत की गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने रूस के आक्रमण की न तो निंदा की थी और न ही रूस के खिलाफ मतदान में हिस्सा लिया था. हालांकि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध के पहले दिन से कूटनीतिक तरीके से बातचीत कर मसले के समाधान की वकालत करता आया है. इसके साथ ही भारत ने रूस-यूक्रेन के मध्य संघर्ष समाप्त करने के लिए हर तरह के कूटनीतिक प्रयासों में सहयोग की बात भी की है. गौरतलब है कि भारत दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, जिसका कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होगा. 

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खुद रूस ने किया प्रक्रियात्मक वोट का अनुरोध
24 अगस्त को यूक्रेन की आजादी की 31वीं वर्षगांठ पर छह महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति का जायजा लेने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक आहूत की गई थी. बैठक शुरू होते ही सुरक्षा परिषद में रूस के राजदूत वैसिली ए नेबेंजिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बैठक में भागीदारी पर 'प्रक्रियात्मक वोटिंग' का अनुरोध किया था. इस अनुरोध के बाद 13 सदस्यों ने जेलेंस्की की बैठक में भागीदारी के पक्ष में मतदान किया, तो रूस ने खिलाफ में. चीन ने पक्ष-विपक्ष किसी को लेकर वोटिंग नहीं की. 

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रूस ने पूरी तरह खिलाफ नहीं, बस यह चाहता था
हालांकि संयुक्त राष्ट्र में राजदूत वैसिली ए नेबेंजिया ने जोर देकर कहा कि रूस वास्तव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की भागीदारी के खिलाफ नहीं है. रूस चाहता है कि जेलेंस्की बैठक में सशरीर उपस्थित होकर अपनी बात कहें. कोरोना महामारी के दौरान संयुक्त राष्ट्र ने अपनी कार्यवाही वर्चुअल मोड में करने पर सहमति दी थी, लेकिन वे सारी बैठक अनौपचारिक हुईं. कोरोना के शिखर काल के खत्म हो जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र परंपरागत तौर-तरीकों से अपनी कार्यवाही को अंजाम देने लगा. इस तर्क के साथ नेबेंजिया ने इस मसले पर प्रक्रियात्मक मतदान का अनुरोध किया था, जिस पर भारत समेत 13 देशों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जेलेंस्की की बैठक में भागीदारी के पक्ष में मतदान किया. 

HIGHLIGHTS

  • यूएनएससी में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वर्चुअल संबोधन का मसला
  • सुरक्षा परिषद में रूसी राजदूत ने खुद किया था प्रक्रियात्मक वोटिंग का अनुरोध
  • भारत समेत 13 देशों ने खिलाफ किया मतदान, चीन ने फिर किया वोटिंग से परहेज
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