अफगानिस्तान से अमेरिका को निकलने में भारत ने की मदद
तालिबान के 15 अगस्त को देश पर कब्जा करने के बाद भारत ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी और अपने नागरिकों और अन्य लोगों को निकालने में अमेरिका के साथ सहयोग किया है.
highlights
- मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी का खुलासा
- भारत को उसके सहयोग के लिए धन्यवाद
- कई मसलों पर संपर्क में हैं अमेरिकी अधिकारी
न्यूयॉर्क:
अमेरिकी रक्षा विभाग ने खुलासा किया है कि तालिबान के 15 अगस्त को देश पर कब्जा करने के बाद भारत ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी और अपने नागरिकों और अन्य लोगों को निकालने में अमेरिका के साथ सहयोग किया है. भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन की फोन पर हुई बातचीत के बाद मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह खुलासा किया. ऑस्टिन ने 'अफगानिस्तान में लोगों को निकालने की प्रक्रिया के दौरान भारत को उसके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. किर्बी ने कहा, 'दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में स्थिति की निगरानी जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता भी दोहराई है.'
उनकी बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन के साथ शुक्रवार को बुलाए गए क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले हुई है. कतर जैसे कुछ अन्य देशों के विपरीत, जो खुले तौर पर सहयोग करते थे, अफगानिस्तान से अराजक अमेरिकी लोगों को निकालने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों और स्थायी निवासियों के साथ-साथ युद्धग्रस्त राष्ट्र में अमेरिकी संगठनों के साथ काम करने वाले और तालिबान से खतरे का सामना कर रहे अन्य लोगों सहित 1,20,000 से अधिक लोगों को निकाला है. उड़ानों में से कोई भी भारत नहीं गया था.
राजनाथ सिंह ने ट्वीट में कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की. किर्बी ने कहा कि सिंह और ऑस्टिन ने भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला रखना सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. किर्बी ने कहा कि ऑस्टिन ने सिंह से कहा कि वह विदेश मामलों और दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के 2 प्लस 2 वार्ता के लिए उनकी मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं, जो इस साल के अंत में होने की उम्मीद है. ऑस्टिन ने मार्च में भारत का दौरा किया था और वह सिंह के लगातार संपर्क में है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी गुरुवार तड़के वॉशिंगटन पहुंच गए हैं. अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी क्वाड देशों संग बैठक निजी स्तर पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात करेंगी. इस दौरान उनकी ऑस्ट्रेलिया और जापान के शीर्ष अधिकारियों और राष्ट्राध्यक्षों से भी बातचीत होनी है. माना जा रहा है कि इस मेल मुलाकात का मकसद अफगानिस्तान में तालिबान समेत चीन की बढ़ती आक्रामकता पर रणनीति विकसित करना है.
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