LAC के दोनों ओर 10 किमी तक नहीं उड़ान भरें लड़ाकू विमान, भारत ने चीन से जताई आपत्ति

2 अगस्त को सैन्य वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीन से लड़ाकू विमानों की उड़ान गतिविधियों पर विरोध प्रगट कर आपत्ति दर्ज कराई गई. इस वार्ता में भी परस्पर विश्वास बहाल करने के लिए जरूरी उपायों की जरूरत पर जोर दिया गया.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
J 11 LAC

चीन के जे-11 लड़ाकू विमान ने एलएसी के पास भरी थी जून में उड़ान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

मई 2020 में पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच शुरू गतिरोध अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हो सका है. इस बीच विवादित मसलों के समाधान के लिए कूटनीतिक समेत सैन्य कमांडर स्तर की कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने के प्रयासों के बीच ड्रैगन फिर भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर उकसावेपूर्ण कार्रवाई से बाज नहीं आ रहा है. वह न सिर्फ भारत से लगती सीमा पर सैन्य समेत नागरिक निर्माण कर रहा है, बल्कि उसके लड़ाकू विमान एलएसी के पास उड़ान भी भर रहे हैं. इस कड़ी में 2 अगस्त को हुई विशेष स्तर की सैन्य वार्ता में चीन (China) की इस उकसावेपूर्ण कार्रवाई पर भारतीय पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सीमा सुरक्षा को लेकर ड्रैगन को अपनी चिंताओं से वाकिफ कराया है. पूर्वी लद्दाख के चुशुल-मोल्दो में हुई बातचीत में भारत (India) ने एलएसी के दोनों और 10 किमी के हवाई क्षेत्र में उड़ान नहीं भरने पर भी जोर दिया. 

Advertisment

जून में एलएसी के पास भरी थी चीनी जे-11 ने उड़ान
गौरतलब है कि जून के अंतिम सप्ताह में चीनी जे-11 लड़ाकू विमान ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब उड़ान भरी थी. इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भारतीय वायुसेना ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू एलएसी के पास भारतीय सीमा पर जेट लड़ाकू विमानों की उड़ान गतिविधियां संचालित की थी. इस कड़ी में 2 अगस्त को सैन्य वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीन से लड़ाकू विमानों की उड़ान गतिविधियों पर विरोध प्रगट कर आपत्ति दर्ज कराई गई. इस वार्ता में भी परस्पर विश्वास बहाल करने के लिए जरूरी उपायों की जरूरत पर जोर दिया गया. गौरतलब है कि इसके पहले भी कई विवादित बिंदुओं पर समझौता नहीं हो सका है. हालांकि कई बिंदुओं से भारत-चीन सेना के जवान पीछे हट गए थे. इसके बाद कई स्तर की वार्ता विवादित मसलों का समाधान नहीं कर सकी. हालांकि परस्पर विश्वास बहाली केलिए वार्ता जारी रखने पर दोनों पक्ष राजी रहे.

यह भी पढ़ेंः  Operation Breaking Dawn: इजरायल ने घर में घुसकर मारा, गाजा में टॉप कमांडर समेत 10 ढेर

विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद हुई विशेष सैन्य स्तर की वार्ता
दोनों देशों के बीच पिछले महीने भी कोर कमांडर स्तर की  बातचीत हुई थी, जिसके अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हो सके.  इसके बाद बाली में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात में एलएसी के विवादित मसलों का मुद्दा फिर उठा. इस घटनाक्रम से वाकिफ सूत्र के मुताबिक जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुई इस एक घंटे की मुलाकात में एस जयशंकर ने वांग यी से पूर्वी लद्दाख से जुड़े लंबित विवादित मुद्दों का जल्द से जल्द हल निकालने की जरूरत पर जोर दिया. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बाली में बातचीत के लगभग 10 दिन बाद 2 अगस्त को विशेष सैन्य स्तर की 16वें दौर की यह बातचीत हुई थी. गौरतलब है कि भारत-चीन तनाव के बीच एलएसी पर दोनों पक्षों के आज की तारीख में भी 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.

HIGHLIGHTS

  • जी-20 बैठक में एस जयशंकर और वांग की मुलाकात का असर
  • 2 अगस्त को दोनों देशों के बीच हुई विशेष स्तर की सैन्य वार्ता
  • भारती ले एलएसी पर चीनी लड़ाकू विमानों की उड़ान पर जताई आपत्ति
भारत चीन वांग यी S Jaishankar पीएलए Pangong Lake टी20 वर्ल्ड कप INDIA china सीमा विवाद PLA लद्दाख एस जयशंकर G-20 LAC Border Dispute Ladakh पैंगोंग झील
      
Advertisment