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SCO Summit: कोई भी पक्ष युद्ध नहीं चाहता... शी जिनपिंग को न्यौते पर चीन का रुख

एससीओ बैठक के लिए शी आएंगे या नहीं, इस पर अभी भी निर्णय लिया जाना बाकी है. इसकी फिलहाल वजह यह है कि शिखर सम्मेलन की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है.

Updated on: 23 Mar 2023, 07:44 AM

highlights

  • एससीओ शिखर सम्मेलन पर भारत के शी को निमंत्रण पर बीजिंग का बयान
  • चीन सामरिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से भारत संग संबंधों को देख रहा
  • वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को मा जिया ने स्थिर लेकिन जटिल बताया

बीजिंग:

भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को आधिकारिक निमंत्रण भेजा है. चीन ने बुधवार को इसकी पुष्टि की. चीन के विदेश मामलों के प्रभारी मा जिया (Ma Jia) ने कहा कि एससीओ बैठक के लिए शी आएंगे या नहीं, इस पर अभी भी निर्णय लिया जाना बाकी है. इसकी फिलहाल वजह यह है कि शिखर सम्मेलन की तारीख अभी तक तय नहीं की गई है. एससीओ की बैठक जी20 शिखर सम्मेलन से दो महीने पहले जुलाई के पहले सप्ताह में होने की संभावना है. इस मौके पर भारत पिछले साल बाली घोषणा की तर्ज पर यूक्रेन (Russia Ukraine War) मुद्दे पर आम सहमति बनाने की उम्मीद करेगा. हालांकि इस मसले से जुड़ी जटिलताओं से आसार यह भी हैं कि भारत का प्रयास निष्प्रभावी ही रहें. गौरतलब है कि शी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपनी शिखर बैठक में बहुपक्षीय प्लेटफार्मों के राजनीतिकरण पर पश्चिमी देशों को आड़े हाथों लिया. उनका आरोप है कि इन वैश्विक मंचों के एजेंडे को कमतर करने के लिए अप्रासंगिक मुद्दों के इस्तेमाल का प्रयास किया जाता है. 

भारत के पास जी20 और एससीओ दोनों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता
मा ने इस कड़ी में कहा कि आम सहमति मुश्किल होगी, क्योंकि आर्थिक और वित्तीय मंचों पर प्रमुख सुरक्षा मुद्दों को उठाया जा रहा है. मा ने यह भी पुष्टि की कि शी जिनपिंग को सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन का आधिकारिक निमंत्रण मिला है. वर्तमान में भारत के पास जी20 और एससीओ दोनों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता है. जी20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा, हालांकि अभी तक एससीओ शिखर सम्मेलन की तारीख की कोई पुष्टि नहीं हुई है. भारत ने पहले प्रस्ताव दिया था कि शिखर सम्मेलन 25 जून को आयोजित किया जाएगा, लेकिन अब इसे 5 जुलाई स्थगित कर दिया गया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 से 25 जून के बीच राजकीय यात्रा पर अमेरिका जाने की संभावना है. अप्रैल-मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव बढ़ने के बाद से मोदी और शी की द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई है. पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया लेकिन कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई.

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चीन सीमा विवाद समाधान के लिए आशान्वित
सीमा यानी वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को मा जिया ने स्थिर लेकिन जटिल भी बताया. मा ने कहा कि वह मौजूदा सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए चल रही बातचीत को लेकर आशान्वित हैं और कोई भी पक्ष युद्ध या टकराव नहीं चाहता है. उन्होंने चीन की स्थिति को दोहराते हुए कहा कि दोनों पक्ष सामान्य सीमा प्रबंधन की ओर बढ़ रहे हैं. गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले हफ्ते सीमा की स्थिति को नाजुक और खतरनाक बताया था. इस पर  मा ने कहा, 'स्थिति बहुत जटिल है और इसलिए हम परामर्श और सहयोग (डब्ल्यूएमसीसी) वार्ता के लिए कार्य तंत्र और सेना की वरिष्ठ कमांडरों की बैठक भी कर रहे हैं.'

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चीन सामरिक और दीर्घकालिक दृष्टि से देख रहा भारत से संबंधों को
मा जिया ने कहा कठिनाइयां हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि कोई भी पक्ष युद्ध या टकराव नहीं चाहता. दोनों पक्ष संबंधों में सुधार चाहते हैं. दोनों देशों के नेता पहले एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंच गए थे. हम सामरिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संबंधों को देख रहे हैं. हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर जी20 में आम सहमति मुश्किल होगी, क्योंकि बाली घोषणापत्र के बाद से स्थिति गंभीर हो गई है. चीन द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावित प्रतिबंध पर अड़ंगा लगाने के बारे में पूछे जाने पर मा ने कहा कि चीन यूएनएससी 1267 प्रतिबंध समिति के नियमों और प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन कर रहा है, जिसमें आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए बहुत स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं.