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रूस ने कैसे बना ली दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन, ये है इसके पीछे की वजह

रूस (Russia) ने दावा किया है कि वह 10 अगस्त से बाजार में कोरोना की पहली वैक्सीन उतारने जा रहा है.

Updated on: 03 Aug 2020, 07:11 AM

मॉस्को:

कोरोना (Corona Virus) महामारी की वैक्सीन बनाने में विश्व के सभी देशों में होड़ मची है. सभी देश जल्द से जल्द इसकी वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) बनाने के लिए दिनरात कोशिश कर रहे हैं लेकिन रूस ने इसमें बाजी मार ली है. रूस (Russia) ने दावा किया है कि वह 10 अगस्त से बाजार में कोरोना की पहली वैक्सीन उतारने जा रहा है. अब लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि रूस ने आखिर इतनी जल्दी वैक्सीन कैसे तैयार कर ली. इसके पीछे की वजह क्या है.

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वैक्सीन की प्लान रखा था गुप्त
दरअसल जब दुनिया भर के देश अपने चरण की जानकारी दे रहे थे, ऐसे में रूस गुप्त तरीके से वैक्सीन के परीक्षण में लगा था. दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में तैयार की गई है. रूस ने जून में ही वैक्सीन पर ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण शुरू कर लिया था.

जानकारी के मुताबिक रूस में शुरूआती चरण में मॉस्को की लैब में दो अलग -अलग तरह के टीके पर प्रयोग चल रहा था, जिनमें एक लिक्विड और एक पावडर के रूप में था। शुरूआती ट्रायल में दो ग्रुप बने, जिनमें हरेक में 38 प्रतिभागी थे. इनमें से कुछ को वैक्सीन दी गई, जबकि कुछ को प्लासीबो इफैक्ट के तहत रखा गया. यानी उन्हें कोई साधारण चीज देते हुए ऐसे जताया गया, जैसे दवा दी जा रही हो.

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जहां दूसरे देश ट्रायल में शामिल ज्यादातर लोगों की घर से ही निगरानी कर रहे थे, वहीं रूस ने इस काम को बेहद गोपनीय तरीके से किया. उसने सबसे पहले हर प्रतिभागी को अलग-अलग रखकर जांच की. इसके बाद रूस की सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी सेचेनोफ ने ट्रायल किए और कथित तौर पर वैक्सीन को इंसानों के लिए सुरक्षित माना. दो ट्रायलों में वैक्सीन आजमाई और जुलाई में ही प्रतिभागियों को अस्पताल से घर जाने की छुट्टी भी मिल चुकी है.

डाला चोरी करने का लगा आरोप
हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार ने रूस पर कोरोना का डाटा चोरी करने का आरोप भी लगाया है लेकिन यह आरोप आधारहिन निकला. इस शक के पीछे की वजह इतनी जल्दी वैक्सीन का निर्माण होना है. दूसरा विवाद ये आया कि रूस ने ट्रायल पूरे किए बिना वैक्सीन बनाई है. इस बारे में रूस का कहना है कि उसके दो ट्रायल पूरी तरह सफल रहे इसलिए वो वैक्सीन रजिस्टर करा रहा है. 10-12 अगस्त तक वैक्सीन को रजिस्टर करा लेगा. इसके बाद से ये दुनिया के सामने होगी. मंजूरी के साथ ही रूस हफ्तेभर के भीतर अपने नागरिकों के लिए खुराक तैयार कर लेगा.