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अफगानिस्तान में फिर से खुलेगा लड़कियों का स्कूल, तालिबान जल्द करेगा घोषणा

तालिबान लड़कियों के स्कूल को फिर से खोलने पर अनुमति देने का विचार कर रहा है.

Updated on: 17 Oct 2021, 09:00 PM

highlights

  • माध्यमिक विद्यालय की उम्र की लाखों लड़कियां लगातार 27वें दिन शिक्षा से वंचित
  • तालिबान लड़कियों के स्कूल को फिर से खोलने पर अनुमति देने का विचार कर रहा
  • तालिबान लड़कियों को छठी कक्षा से आगे की स्कूली शिक्षा के लिए बना रहा है "एक रूपरेखा"

नई दिल्ली:

तालिबान के आने के बाद से ही अफगानिस्तान में महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर कड़ा पहरा है. देश में लड़कियों के स्कूल को फिर से खोलने की अभी तक अनुमति नहीं मिली है. जबकि लड़कों के स्कूल फिर से खुल गये हैं. कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में स्कूल बंद थे. कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद अधिकांश देशों में स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है.  अब तालिबान लड़कियों के स्कूल को फिर से खोलने पर अनुमति देने का विचार कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तालिबान ने उनसे कहा कि वे "बहुत जल्द" सभी अफगान लड़कियों को माध्यमिक विद्यालयों में जाने की अनुमति की घोषणा करेंगे. 

पिछले हफ्ते काबुल का दौरा करने वाले यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पांच - उत्तर पश्चिम में बल्ख, जवज्जन और समांगन, उत्तर पूर्व में कुंदुज और दक्षिण पश्चिम में उरोजगान प्रांत में पहले से ही लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने की अनुमति है. 

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उन्होंने कहा कि तालिबान के शिक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी लड़कियों को छठी कक्षा से आगे अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने की अनुमति देने के लिए "एक रूपरेखा" पर काम कर रहे हैं, जिसे "एक और दो महीने के बीच" प्रकाशित किया जाएगा.

आब्दी ने कहा, "जैसा कि आज मैं आपसे बात कर रहा हूं, माध्यमिक विद्यालय की उम्र की लाखों लड़कियां लगातार 27वें दिन शिक्षा से वंचित हैं." "हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने में  विलंब नहीं करना चाहिए. जिस भी दिन का हम इंतजार करते हैं - वह उन लड़कियों के लिए खो गया दिन है जो स्कूल से बाहर हैं."

1996-2001 तक तालिबान के अफगानिस्तान के पिछले शासन के दौरान लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया और उन्हें काम करने और सार्वजनिक जीवन से रोक दिया गया था. चूंकि 15 अगस्त को अमेरिका और नाटो बलों के अंतिम रूप से अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबान ने 20 वर्षों बाद अफगानिस्तान का अधिग्रहण कर लिया. 20 वर्षों के बाद एक बार फिर देश में तालिबान की अराजक वापसी हुई. 

तालिबान पर महिलाओं के शिक्षा और काम के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. आब्दी ने कहा कि हर बैठक में उन्होंने तालिबान पर "लड़कियों को अपनी शिक्षा फिर से शुरू करने देने" के लिए दबाव डाला, इसे "लड़कियों के लिए और पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण" कहा.

उन्होंने कहा कि जब 2001 में तालिबान को अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा ओसामा बिन लादेन को शरण देने के लिए सत्ता से बेदखल किया गया था, जो संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9/11 के हमलों का मास्टरमाइंड था, सभी स्तरों पर केवल दस लाख अफगान बच्चे स्कूल में थे. आब्दी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में, यह आंकड़ा सभी स्तरों पर लगभग 10 मिलियन बच्चों तक पहुंच गया है, जिसमें 40 लाख लड़कियां भी शामिल हैं, और पिछले एक दशक में स्कूलों की संख्या 6,000 से बढ़कर 18,000 हो गई है.

लेकिन संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के उप प्रमुख ने कहा कि इस प्रगति के बावजूद 26 लाख लड़कियों सहित 42 लाख अफगान बच्चे स्कूल से बाहर हैं. यदि सभी लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में जाने की अनुमति दी जाती है, तो रूढ़िवादियों के प्रतिरोध को दूर करने के लिए उन्हें माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति देने के प्रयास अभी भी किए जाने चाहिए.