लगभग आठ साल बाद फ्रांस के मोंट ब्लांक के एक ग्लेशियर पर दशकों से दबे पन्ना, माणिक और नीलम का खजाना आखिरकार उन्हें खोजने वाले पर्वतारोही और स्थानीय अधिकारियों के बीच में साझा किया गया है. आपको बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक पर्वतारोही ने 2013 में कीमती पत्थरों के पास ठोकर खाई थी. बेशकीमती पत्थर एक धातु के बक्से में पाए गए जो एक भारतीय विमान में था. रोचक बात यह है कि विमान 50 साल पहले एक दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. Chamonix Mayor Eric Fournier ने एएफपी को बताया, "इस सप्ताह पत्थरों को लगभग 150,000 यूरो (169,000 डॉलर) मूल्य के दो लॉट बनाकर शेयर किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 1950 और 1966 में एयर इंडिया के दो विमान मोंट ब्लांक में दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे.
Eric Fournier ने कहा कि वे इस बात से बहुत खुश है कि इस घटना को एक अंत दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से उस पर्वतारोही के लिए बहुत खुश है जिसने इस बक्से को खोजने में मेहनत की थी.
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि तबसे लेकर कई वर्षों तक पर्वतारोहीयों की टीम ने अभियान के दौरान उनके विमान से मलबा, सामान और मानव अवशेष कई चीजें प्राप्त की. दुर्घटना के बाद भारत सरकार ने सुचना मिलते ही 24 जनवरी, 1966 को मुंबई से उड़ान भरने वाले बोइंग 707 विमान से प्राप्त हुए एक बैग को अपने कब्जे में ले लिया था, जो मोंट ब्लांक के दक्षिण-पश्चिम चेहरे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. सितंबर 2012 में इसपर भारत सरकार ने पूरी तरह से कब्जा जमा लिया था.
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रिपोट्स के अनुसार, विमान दुर्घटना में करीब 117 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक होमी जहांगीर भाभा भी शामिल थे. अधिकारियों का मानना है कि कीमती पत्थर संभवत: उस फ्लाइट से आए थे जो मुंबई से न्यूयॉर्क के रास्ते में थी.