काबुल धमाके पर बोले डोनाल्ड ट्रंप - ' मैं होता राष्ट्रपति तो कभी नहीं होता हमला'
Donald Trump : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को काबुल हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के परिवार को प्रति अपना दुख जाहिर किया. उन्होंने कहा कि इस हमले को कभी नहीं होने देना चाहिए था.
highlights
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल हमले पर जताया दुख
- ट्रंप बोले- मैं राष्ट्रपति होता तो कभी नहीं होता हमला
- हमले में 13 अमेरिकी जवानों सहित 100 से अधिक की मौत
वाशिंगटन :
अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुख जताया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस हमले को किसी भी हाल में नहीं होने देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अगर मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो ये आतंकी हमला कभी ना होता. इस हमले के बाद से अमेरिका में एक बड़ा वर्ग राष्ट्रपति जो बाइडन पर निशाना साथ रहा है. अमेरिकी सोशल मीडिया पर लगातार बाइडन के खिलाफ पोस्ट किए जा रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में अब तक 13 अमेरिकी जवानों की मौत हो चुकी है.
ट्रंप बोले - भगवान अमेरिका का भला करे
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमारी संवेदनाएं उन निर्दोष नागरिकों के परिवारों के साथ भी हैं जो आज काबुल हमले में मारे गए. इस त्रासदी को कभी नहीं होने देना चाहिए था, यह हमारे दुख को और गहरा बनाता है. अगर मैं आपका राष्ट्रपति होता तो यह हमला कभी नहीं होता. भगवान अमेरिका का भला करे.'
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अमेरिका ने जारी किया नया अलर्ट
काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद अब तक 13 अमेरिकी जवानों की मौत हो चुकी है. इसी बीच अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का नया अलर्ट जारी किया है. अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी (ABC) के मुताबिक एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर कार बम ब्लास्ट का खतरा है. अमेरिकी जवानों की मौत के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि है कि आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा जाएगा. अब अमेरिका आईएसआईएस पर हमले की तैयारी कर रहा है.
हमले के पीछे आईएसआईएस के खुरासान मॉडल का हाथ
काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाकों की जिम्मेदारी आईएसआईएस के खुरासान मॉडल (ISKP) ने ली है. इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि अब अफगानिस्तान तालिबान और आईएसआईएस के अफगान चैप्टर के बीच वर्चस्व की लड़ाई का केंद्र बनेगा. इसे आतंकी संगठन को आईएस-खुरासान प्रांत के नाम से भी जाना जाता है. वर्चस्व की लड़ाई के इस आगाज के खतरे का अंदाजा इस्लामिक स्टेट के मुख पत्र 'अल नभा' के बीते हफ्ते की संपादकीय से लगाया जा सकता है. इस संपादकीय में आईएसआईएस (ISIS) ने अफगानिस्तान पर तालिबान राज की वापसी को 'मुल्ला ब्रेडली प्रोजेक्ट' कहकर खारिज किया था. इसका अर्थ यह निकलता है कि आईएस तालिबान (Taliban) राज को अमेरिका का ही छद्म शासन मानता है.
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जरूरत पड़ी तो फिर भेजी जाएगी सेना
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि हमारा मिशन जारी रहेगा. जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त अमेरिकी फौज को फिर से अफगानिस्तान भेजेंगे. इससे पहले व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजराइल के नए प्रधानमंत्री के बीच होने वाली पहली बैठक का कार्यक्रम टाल दिया और अफगान शरणार्थियों के विषय पर गवर्नरों के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया. वहीं हमले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि हमलावरों को माफ नहीं करेंगे.
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