अश्वेत की हत्या भूल अमेरिका ने फिर जताई भारत में धार्मिक आजादी को लेकर चिंता
भारत ने अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी विदेशी सरकार को उसके नागरिकों के सवैधानिक अधिकारों की स्थिति पर फैसला सुनाने का कोई अधिकार नहीं है.
वॉशिंगटन:
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को सभी धर्मों के लिए ऐतिहासिक रूप से काफी सहिष्णु, सम्मानपूर्वक देश बताते हुए कहा कि भारत (India) में धार्मिक स्वतंत्रता के सदंर्भ में जो भी हो रहा है उसे लेकर अमेरिका बहुत चिंतित है. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Freedom) के लिए राजनयिक सैमुअल ब्राउनबैक की यह टिप्पणियां बुधवार को '2019 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट' जारी होने के बाद आई है. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में दुनियाभर में धार्मिक आजादी के उल्लंघन की प्रमुख घटनाओं का जिक्र है. भारत ने अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी विदेशी सरकार को उसके नागरिकों के सवैधानिक अधिकारों की स्थिति पर फैसला सुनाने का कोई अधिकार नहीं है.
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वर्तमान हालातों से चिंतित
विदेशी पत्रकारों के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान ब्राउनबैक ने बुधवार को कहा कि भारत ऐसा देश है जिसने खुद चार बड़े धर्मों को जन्म दिया. उन्होंने कहा, 'भारत में जो भी हो रहा है हम उससे बहुत चिंतित हैं. वह ऐतिहासिक रूप से सभी धर्मों के लिए बहुत ही सहिष्णु, सम्मानपूर्वक देश रहा है.' ब्राउनबैक ने कहा कि भारत में जो चल रहा है वह बहुत ही परेशान करने वाला है क्योंकि यह बहुत ही धार्मिक उपमहाद्वीप है और वहां अधिक साम्प्रदायिक हिंसा देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा, 'हम और परेशानी देखने जा रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में बहुत उच्च स्तर पर अंतर धार्मिक संवाद शुरू होना चाहिए और फिर विशिष्ट मुद्दों से निपटना चाहिए. भारत में इस विषय पर और कोशिशें करने की आवश्यकता है और मेरी चिंता भी यही है कि अगर ये कोशिशें नहीं की गईं तो हिंसा बढ़ सकती है.'
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भारत ने खारिज की रिपोर्ट
एक सवाल का जवाब देते हुए ब्राउनबैक ने उम्मीद जताई कि कोविड-19 के प्रसार के लिए अल्पसंख्यक धर्मों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा और उन्हें संकट के दौरान आवश्यकता पड़ने पर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं और भोजन तथा दवाएं मुहैया कराई जायें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी तरह के भेदभाव की निंदा करते हुए कहा था कि कोविड-19 महामारी हर किसी पर समान रूप से असर डालती है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को पहले खारिज करते हुए कहा था, 'भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र और सहिष्णुता एवं समावेशिता की दीर्घकालीन प्रतिबद्धता के साथ बहुलवाद समाज होने के नाते अपनी धर्म निरपेक्षता, अपनी स्थिति पर गर्व है.' इससे पहले अमेरिका के विदेश विभाग ने अपने भारत अध्याय की रिपोर्ट में कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित हत्याओं, हमलों, दंगों, भेदभाव, तोड़फोड़ की रिपोर्टें हैं जो अपने धर्म को मानने तथा उसके बारे में बोलने के अधिकार को बाधित करती हैं. उसने कहा कि गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2008 से 2017 के बीच साम्प्रदायिक हिंसा की 7,484 घटनाएं हुई जिनमें 1,100 से अधिक लोग मारे गए.
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