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दुश्मन... दुश्मन दोस्त होते हैं के फॉर्मूले पर चल रहा पाकिस्तान, नेपाली पीएम ओली पर डोरे

पाकिस्तान का मकसद भारत के खिलाफ नेपाल को भी अपने पाले में लाना है ताकि वह चीन की शह पर हिंदुस्तां के खिलाफ एक साथ दो मोर्चे खोल सके.

Updated on: 02 Jul 2020, 12:59 PM

highlights

  • नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली से बातचीत का समय मांगा.
  • भारत के खिलाफ माहौल भुनाने और साजिश रचने की मंशा.
  • चीन के इशारे पर चल रहे हैं फिलवक्त दोनों ही देश.

काठमांडू:

चीन (China) के साथ भारत का सीमा विवाद क्या हुआ पाकिस्तान (Pakistan) को मानो मुंह मांगी मुराद मिल गई. वैश्विक मंच पर स्यापा बढ़ाने के साथ ही अब वह नेपाल (Nepal) पर भी डोरे डालने में लगा है. संशोधित नक्शा कानून पास करने और भारत के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) से इसी वास्ते इमरान खान (Imran Khan) ने फोन पर बातचीत के लिए समय मांगा है. जाहिर है पाकिस्तान का मकसद भारत के खिलाफ नेपाल को भी अपने पाले में लाना है ताकि वह चीन की शह पर हिंदुस्तां के खिलाफ एक साथ दो मोर्चे खोल सके. हालांकि फिलवक्त केपी शर्मा ओली पर ही संकट मंडरा रहा है. अपनी ही पार्टी में वह न सिर्फ हाशिये पर चले गए हैं, बल्कि उन पर इस्तीफा देने का दबाव भी चौतरफा बढ़ गया है.

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भारत के और खिलाफ करेगा नेपाल को
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंदरूनी उठापटक के बीच नेपाल में पाकिस्तान को भारत के खिलाफ माहौल और बनाने का मौका नजर आ रहा है. ऐसे में वह नेपाल के साथ मिलकर भारत पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक चाल चलने लगा है. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि चीन की शह पर पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित बाल्टिस्तान इलाके में एलओसी के पास पाक सेना अपने 20 हजार जवानों को तैनात कर चुकी है. ऐसे में अगला कदम पाकिस्तान का नेपाल को अपने साथ लाने का है, जो पहले से ही चीन की शह पर चल रहा है.

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ओली पर इस्तीफे का दबाव
यह अलग बात है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरे के बादल बढ़ते जा रहे हैं. सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में मचे घमासान के बीच ओली पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता जा रहा है. पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' जहां खुलेआम ओली सरकार की आलोचना कर रहे हैं. वहीं, इस्तीफा न देने पर पार्टी को दो टुकड़ों में बांटने की धमकी भी दे रहे हैं. इस कड़ी में नेपाली पीएम ओली ने गुरुवार को एक अहम बैठक बुलाई है, जिसको लेकर सत्तारूढ़ पार्टी समेत समग्र विपक्ष भी आशंकित है.

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चीनी राजदूत के इशारे पर चल रहे ओली!
गौरतलब है कि एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेपाली पीएम देश में चीन की राजदूत हाओ यांकी के इशारे पर भारत विरोधी कदम उठा रहे हैं. नेपाल के नक्शे को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए चीनी राजदूत ने प्रधानमंत्री ओली को प्रेरित करने का काम किया है. खुफिया सूत्रों ने कहा कि हिमालयी गणराज्य नेपाल में युवा चीनी राजदूत होउ यानकी नेपाल की सीमा को फिर से परिभाषित किए जाने के लिए कॉमरेड ओली के कदम के पीछे प्रेरणा रही हैं. यानी नेपाल जो भारत के कालापानी और लिपुलेख को अपने नक्शे में दर्शा रहा है, उसके पीछे चीनी राजदूत की ही कूटनीति और दिमाग काम कर रहा है.