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विदेशी जमातियों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, केंद्र ने कहा- न्यायिक समीक्षा का कोई आधार नहीं

तब्लीगी ज़मात की गतिविधियों में शामिल होने के चलते 3460 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किये जाने के गृहमंत्रालय के फैसले के खिलाफ दायर 34 विदेशी नागरिकों की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई.

Updated on: 02 Jul 2020, 11:47 AM

नई दिल्ली:

तब्लीगी ज़मात की गतिविधियों में शामिल होने के चलते 3460 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किये जाने के गृहमंत्रालय के फैसले के खिलाफ दायर 34 विदेशी नागरिकों की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र ने SC को बताया कि वीजा रद्द किया जाना सरकार का अपना फैसला है. इसकी न्यायिक समीक्षा का कोई आधार नहीं है. हर केस में अलग-अलग आदेश पास किया गया है, जो ईमेल के जरिये भेजे गए हैं.

कोर्ट ने कहा, ऐसी सूरत में याचिकर्ताओ को हाई कोर्ट जाना चाहिए. वहां इन आदेशों को चुनौती देनी चाहिए थी. इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी. इसी बीच सरकार उन्हें उनके बारे में जारी आदेश की कॉपी देंगी. याचिकाकर्ता सरकार की ओर से पेश हलफनामा का जवाब दाखिल करेंगे.

इससे पहले क्राइम ब्रांच ने वीजा में गड़बड़ी के मामले में 800 विदेशी जमातियों से पूछताछ की थी. क्राइम ब्रांच ने 41.1 CRPC के तहत नोटिस जारी किया था. क्राइम ब्रांच ने वेदेशी जमातियों को कहा था कि जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो उन्हें पूछताछ में शामिल होना होगा.