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CPEC बना चीन के गले की फांस, कबायली इलाकों में हो रहे चीनी नागरिकों पर हमले 

इमरान खान सरकार अब तक चीन की कंपनियों और निवेशकों के साथ प्रोजेक्टों में आने वाली अड़चनों को दूर नहीं कर पाई है.

Updated on: 22 Oct 2021, 10:32 PM

highlights

  • चीन ने किया है 60 अरब डॉलर का निवेश
  • इमरान खान सरकार नहीं कर पायी है प्रोजेक्टों में आने वाली अड़चनों को दूर  
  • कबायली इलाकों में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर बढ़े हमले 

नई दिल्ली:

चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर  ग्रहण के बादल छाए हुए हैं. पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति के चलते अभी पहले चरण के प्रोजेक्टों को पूरा नहीं किया जा सका है. 60 अरब डॉलर का निवेश  करने के बाद अब यह प्रोजेक्ट ड्रैगन के गले की फांस बन गया है. अरबों का पैसा लगाने के बाद भी चीन को वह फायदा नहीं मिल रहा है जिसके लिए उसने किया था. पाकिस्तान में इसे लेकर राजनीति भी चरम पर है. गिलगित बाल्टिस्तान और पीओके के स्थानीय लोग भी इस प्रोजक्ट के खिलाफ हैं. वहीं भ्रष्टाचार में डूबे पाकिस्तानी नेता सड़क निर्माण कार्य में कोताही भी बरत रहे हैं. सीपीईसी में 60 अरब डॉलर का निवेश करने के बाद चीन को पूरी योजना पर पानी फिरता दिख रहा है. कबायली इलाकों में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले भी बढ़े हैं.

इमरान खान सरकार अब तक चीन की कंपनियों और निवेशकों के साथ प्रोजेक्टों में आने वाली अड़चनों को दूर नहीं कर पाई है. परियोजनाओं में हो रही देरी के बाद अब पूरे CPEC पर ही सवालिया निशान लगने लगा है. हाल में ही पाकिस्तान चीन रिलेशन स्टियरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी. इसमें पाया गया कि पाकिस्तान सरकार ने अधिकांश दिशा-निर्देशों को लागू नहीं किया है.

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इस बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व फेडरल मिनिस्टर ऑफ प्लानिंग, डेवलपमेंट एंड स्पेशल इनिशिएटिव असद उमर ने की थी. बुधवार को हुई बैठक में शामिल लोगों के मुताबिक, पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने संचालन समिति के दिए गए आदेशों को अबतक लागू नहीं किया है. अपनी पिछली बैठक में पाकिस्तान सरकार ने 3,600 मेगावाट की उत्पादन क्षमता वाली पांच सीपीईसी बिजली परियोजनाओं के वाणिज्यिक संचालन शुरू करने में देरी से निपटने के लिए एक नीति तैयार करने के लिए पावर डिवीजन के लिए अगस्त के अंत की समय सीमा तय की थी.

ऊर्जा मंत्रालय को इस मुद्दे को हल करने के लिए ऊर्जा पर कैबिनेट समिति को नीति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था. पाकिस्तानी योजना मंत्रालय के बयान में बताया गया है कि बिजली विभाग ने समिति को सूचित किया कि छह बिजली परियोजनाओं के वाणिज्यिक संचालन की तारीख के विस्तार का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं. अब इसे लेकर अगली बैठक में कोई निर्णय लिया जा सकता है.