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तो क्या बनने वाली है कोरोना की वैक्सीन, जानिए भारत में क्या होगी कीमत

कोरोना का कहर सझेल रही पूरी दुनिया की आंखे इस वक्त कोरोना की वैक्सीन पर टिकीं हुई हैं. दुनियाभर के एक्सपर्ट्स इसकी दवा बनाने में जुटे हुए हैं.

Updated on: 22 Jul 2020, 07:28 AM

नई दिल्ली:

कोरोना का कहर सझेल रही पूरी दुनिया की आंखे इस वक्त कोरोना की वैक्सीन पर टिकीं हुई हैं. दुनियाभर के एक्सपर्ट्स इसकी दवा बनाने में जुटे हुए हैं. इस बीच खबर सामने आ रही है कि में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है और इसके अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि भारत में भी इस दवा का प्रोडक्शन किया जाएगा.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर ये वैक्सीन भारत में बनी तो इसकी कीमत 1000 रुपए के आसपास हो सकती है. दरअसल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कहना है कि क्योंकि इस वक्त पूरी दुनिया इश गंभीर बीमारी की चपेट में है. इसलिए वह कोशिश करेंगे कि इसकी कीमत कम से कम रखी जाए.

बताया जा रहा है कि एंटीबॉडी रेस्पॉन्स से पता चलता है कि ये वैक्सनी काफी कारगर है. वहीं अब इसका ट्रायल अलग-अलग लोगों पर किया जाएगा ताकी ये पता चल सके की ये दवा दूसरे लोगों पर क्या असर करती है.

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वहीं दूसरी ओर देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. देश में अब तक 11 लाख 55 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश में कोविड-19 की स्थिति को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि दिल्ली की 23 प्रतिशत जनता में अब तक कोविड 19 के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुक है.

स्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसके बाद भी दिल्ली की 77 प्रतिशत जनता हाई रिस्क पर है. सीरो के सर्वे में ये बात सामने आई है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि नियमों को लागू करने के चलते दिल्ली में संक्रमितों की संख्या सीमित करने में कामयाबी मिली है. मंत्रालय की ओर से बताया गया कि, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना, दो गज की दूरी, हाथों की सफाई बहुत जरूरी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार के प्रयासों से कोरोना वायरस के मामलों को कम करने में मदद मिली है. लॉकडाउन के कारण भी कोविड-19 का प्रसार काफी हद तक कम हुआ है. मंत्रालय ने एक ग्राफ की मदद से बताया कि देश में कोरोना वायरस से बचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और एक्टिव मामलों की संख्या में कमी आ रही है.