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ट्रंप का एक और सनकपन आया सामने, अपेन ही वैज्ञानिक नहीं मानने को तैयार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दुनियाभर में 2,33,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से हुई है

Updated on: 01 May 2020, 04:13 PM

वाशिंगटन:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दुनियाभर में 2,33,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर की एक विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से हुई है. ट्रंप की ये टिप्पणियां उनके अपने खुफिया समुदाय के बृहस्पतिवार को दिए सार्वजनिक बयान से अलग है जिसमें कहा गया है कि अभी उन्होंने यह पता नहीं लगाया गया है कोविड-19 संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैला या यह वुहान की किसी प्रयोगशाला में हुई किसी दुर्घटना का नतीजा है. इसके अलावा उनका ये बयान उस अमेरिकी वैज्ञानिक के बयान से भी अलग है कि जिसमें उसने कहा है कि कोरोना मानव निर्मित नहीं है. वैज्ञानिक की इस पुष्टी के बावजूद ट्रंप अपने बयान पर टिके हुए हैं. बीते साल दिसंबर में वुहान में जब से संक्रमण फैलना शुरू हुआ तब से अटकलें लग रही हैं कि क्या इस विषाणु की उत्पत्ति चीन के प्रमुख वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) से हुई या नजदीक के हुनान सीफूड बाजार से हुई है.

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अमेरिका ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि क्या यह जानलेवा विषाणु डब्ल्यूआईवी से फैला. ट्रंप से पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्हें ऐसा कुछ मिला है जिससे वह यकीन के साथ कह सकते हैं कि यह वायरस वुहान के विषाणु विज्ञान संस्थान से पैदा हुआ, इस पर उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ‘हां, मेरे पास है.’ बहरहाल, उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा कि जांच चल रही है और जल्द ही यह सामने आएगा. यह पूछने पर कि उन्हें ऐसा क्या मिला है जिससे वह विश्वास के साथ यह कह सकते हैं, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको नहीं बता सकता. मुझे आपको यह बताने की अनुमति नहीं है.’

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने एक बयान में बृहस्पतिवार को कहा था, ‘खुफिया समुदाय भी इस व्यापक वैज्ञानिक सहमति से इत्तेफाक रखता है कि कोविड-19 वायरस मानव निर्मित या आनुवंशिक रूप से रूपांतरित नहीं है.’ अमेरिका इस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश है. वहां कोरोना वायरस से 63,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और 10,69,400 मामले सामने आए. अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है और पिछले हफ्ते करीब 40 लाख और अमेरिकियों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन दिया.

ट्रंप ने इस वैश्विक महामारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि उन्होंने चीन के लिए जन संपर्क एजेंसी की तरह काम किया.’ बहरहाल, उन्होंने इस बीमारी के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया.  उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहना चाहता लेकिन निश्चित तौर पर इसे रोका जा सकता था. यह चीन से पैदा हुआ और इसे रोका जा सकता था और काश वे इसे रोकते.’

उन्होंने कहा, ‘वे या तो इसे रोकने में सक्षम नहीं थे या वे रोकना नहीं चाहते थे और दुनिया को इसका भारी खमियाजा उठाना पड़ा.’ ट्रंप ने कहा, ‘एक और बात है, चीन ने उसके यहां आने जाने वाली सभी हवाई सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन अमेरिका और पूरे यूरोप में चीन से आने वाली और वहां जाने वाली हवाई सेवायें बंद नहीं की गई.’ उन्होंने कहा, ‘यह देश (अमेरिका) बहुत भाग्यशाली है और मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने चीन पर बहुत जल्दी प्रतिबंध लगा दिया.जनवरी में हमने चीन पर प्रतिबंध लगाया। इसके बाद हमने यूरोप में प्रतिबंध लगाया.’

ट्रंप ने कहा कि वे उन्हें जवाबदेह ठहराने से पहले यह पता लगाना चाहते हैं कि वास्तव में क्या हुआ था. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम यह पता लगा लेंगे कि असल में हुआ क्या था। हम इस पर दृढ़ता से काम कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन वे इसे रोक सकते थे। उनका देश वैज्ञानिक एवं अन्य रूप से प्रतिभाशाली है. वे इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’ यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रपति जिनफिंग ने उन्हें गुमराह किया, इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘कुछ तो हुआ। मैं नहीं कहूंगा कि गुमराह किया या नहीं किया. मैं आपको बताऊंगा। मेरा मतलब है कि उम्मीद है कि निकट भविष्य में आपको इसका जवाब दूंगा.’ राष्ट्रपति ने कहा कि इस बीमारी के कारण पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा है.