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दुनियाभर को कोरोना देने के बाद अब वैक्सीन भी देगा चीन

कोरोना संकट ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है. अमेरिका समेत कई देशों चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे. लेकिन अब वहीं चीन ने कोरोना की दवा भी तैयार कर ली है.

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Aditi Sharma
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बिहार: पहले दिन 18,122 लोगों को दी गई कोरोना वायरस वैक्सीन

दुनियाभर को कोरोना देने के बाद अब वैक्सीन भी देगा चीन( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना संकट ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है. अमेरिका समेत कई देशों चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाए थे. लेकिन अब वहीं चीन ने कोरोना की दवा भी तैयार कर ली है. चीनी अधिकारियों ने घरेलू रूप से इस दवा को पेटेंट दे दिया है. एक्सपर्ट्स का दावा है कि ये दवा प्रभावी साबित हो रही है.

बताया जा रहा है कि Ad5-nCoV नाम की ये वैक्सीन पुनः संयोजक एडिनोवायरस वैक्सीन है, जिसे चीनी बायोफार्मास्यूटिकल फर्म CanSino Biologics Inc द्वारा विकसित किया गया है. इस दवा को पेटेंट किए जाने के बाद वैक्सीन की प्रभाविकता और सुरक्षा की भी पुष्टी कर दी गई है.

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस दवा के बनने के बाद अब विदेशी बाजारों में चीन के प्रति विश्वास बढ़ेंगा और अमेरिका के उन झूठे आरोपों पर रोक लगेगी जिसमें उनका कहना है कि चीनी हैकर्स उनके द्वारा तैयार किया गया कोरोना वैक्सीन का डेटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं. 

वहीं दूसरी ओर  रूस ने कोविड 19 (Covid 19) के इलाज के लिए जो वैक्‍सीन (Corona vaccine) तैयार की है, उसका उत्‍पादन भी अब शुरू हो गया है. यह जानकारी रूप से स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से दी गई है. आपको बता दें कि रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ही इस बात का ऐलान किया था कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए दुनिया की पहली वैक्‍सीन रूस ने बना ली है. बड़ी बात यह भी रही कि रूस ने इसका नाम अंतरक्षि सैटेलाइट स्‍पूतनिक वीके नाम पर रखा है. इसके साथ ही रूस से स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशकों ने यह भी कहा कि रूस पहले अपने नागरिकों को वैक्‍सीन लगाने के बाद इसे दूसरे देशों को भी देगा. साथ ही उन्‍होंने यह भी दावा किया कि वैक्‍सीन की प्रभावशीलता पर संदेह करना ठीक नहीं है. 

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बता दें कि रूस (Russia) कोविड-19 टीके को नियामकीय मंजूरी देने वाला वह पहला देश बन गया है. रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा कोरोना वायरस के टीके को बनाया गया है. वैक्सीन को बनाने वाली रूसी कंपनी का दावा है कि यह टीका दो साल तक वायरस से सुरक्षा प्रदान करेगा. रूसी हेल्थकेयर मंत्रालय के गामाले नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का कहना है कि रूसी वैक्सीन के सुरक्षात्मक गुण दो साल तक बरकरार रहेंगे. एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया है कि वैक्सीन की प्रभावी अवधि, इसके सुरक्षात्मक गुण कम समय के लिए नहीं हैं. यह 6 महीने या 1 साल के लिए नहीं बल्कि कम से कम 2 साल तक के लिए प्रभावी रहेगी. इससे पहले रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि वैक्सीन के इस्तेमाल का अनुभव उनमें से एक है और यह दर्शाता है कि इसकी प्रतिरक्षा कम से कम दो साल तक रहेगी ही.

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