logo-image

कोरोना से अभी राहत दूर की बात, अब सर्दियों में दोहरी महामारी का अलर्ट

एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्दियां बुरी खबर लेकर आ रही हैं और कोविड-19 के साथ-साथ सीजनल फ्लू भी तबाही मचाने के लिए तैयार है. इस स्थिति को वैज्ञानिक 'ट्विनडेमिक' कह रहे हैं.

Updated on: 17 Aug 2020, 12:54 PM

वॉशिंगटन:

कोरोना वायरस (Corona Virus) कालखंड में एक तरफ जहां वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर नित नए दावे हो रहे हैं, वहीं इसकी भयावहता को लेकर भी डराने वाली तमाम बातें सामने आ रही हैं. अब न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यहां तक कि न्यूजीलैंड (Newzealand) जैसे देशों में इसकी वापसी हो रही है. ऐसे में वैज्ञानिकों ने आने वाली सर्दियों में 'डबल महामारी' (Twindemic) जैसी स्थिति की चेतावनी दी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक सर्दियां बुरी खबर लेकर आ रही हैं और कोविड-19 के साथ-साथ सीजनल फ्लू भी तबाही मचाने के लिए तैयार है. इस स्थिति को वैज्ञानिक 'ट्विनडेमिक' कह रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः देश समाचार नेपाल को था चीन का यह डर, इसलिए ओली ने की PM मोदी से बात?

सीजनल फ्लू के साथ कोरोना संक्रमण
न्यूयॉर्क टाइम्स के छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सर्दियों के मौसम में सीजनल फ्लू काफी आम बीमारी है, लेकिन ज्यादातर अस्पताल इसके मरीजों से भरे रहते हैं. हालांकि ये साल अलग है और सभी अस्पताल पहले ही कोविड-19 के मरीजों से भरे हुए हैं. ऐसे में सीजनल फ्लू के मरीजों का इलाज कहां होगा? दूसरा सवाल ये है कि कोविड-19 और सीजनल फ्लू के शुरूआती लक्षण भी एक जैसे हैं, ऐसे में अस्पतालों में भीड़ तो बढ़ेगी ही कन्फ्यूजन कि स्थिति भी पैदा होने जा रही है. सीजनल फ्लू से बचने के लिए लोगों को 'फ्लू शॉट' दिए जाते थे जो इस साल संभव नहीं है, इससे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्लू के लक्षण भी- बुखार, सिरदर्द, कफ, गले में दर्द, बदन दर्द हैं. एक तो ये आसानी से कोविड-19 जैसा नज़र आता है साथ ही ये कोरोना संक्रमण के खतरे को कई गुना और बढ़ा देता है. फ्लू की चपेट में आए व्यक्ति के लिए कोरोना संक्रमण और घटक साबित हो सकता है.

यह भी पढ़ेंः देश समाचार देश में कोरोना के 58 हजार नए मामले, कुल आंकड़ा 26 लाख के पार

फ्लू शॉट पर जोर
दुनिया भर के वैज्ञानिक इस 'ट्विनडेमिक' को लेकर काफी चिंतित हैं और 'फ्लू शॉट' पर काफी जोर दे रहे हैं. अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के डायरेक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड ने बताया कि हम बड़ी कंपनियों से कह रहे हैं कि वे 'फ्लू शॉट' देने के लिए अभियान चलाएं. कम से कम उनके कर्मचारियों को ये उपलब्ध कराएं. CDC हर साल अस्पतालों को 5 लाख डोज देती रही है, लेकिन इस साल आशंकाओं के मद्देनज़र 9.3 मिलियन फ्लू शॉट पहले ही ऑर्डर कर दिए गए हैं. अमेरिकी कोरोना एक्सपर्ट डॉक्टर एंथनी फॉसी ने भी लोगों को फ्लू शॉट लेने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए आप एक ही वक़्त पर सांस से जुड़ी दो बीमारियों में से एक के खतरे से तो आज़ाद हो जाएंगे.

यह भी पढ़ेंः देश समाचार कोरोना संकट के बीच मानसून सत्र बनाएगा अनोखा रिकॉर्ड

ब्रिटेन में भी पीएम ने संभाली कमान
ब्रिटेन में भी पीएम बोरिस जॉनसन ने स्थिति को देखते हुए फ्लू शॉट के लिए कैम्पेन शुरू कर दिया है. उन्होंने फ्लू की वैक्सीन का विरोध कर रहे लोगों को पागल बताया और कहा कि यही रास्ता है जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी रख सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया ने देश के कई इलाकों में इस तरह के 'फ्लू शॉट' कैम्पेन की शुरुआत अप्रैल में ही कर दी थी. अमेरिका में बच्चों के ली नर्सरी स्कूल में ही टीके की व्यवस्था होती हुई, लेकिन स्कूल बंद होने के चलते इस बार वैक्सीनेशन नहीं हो पाया. यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया की देखरेख में ये काम होता था, उन्होंने घोषणा की है कि नवंबर तक 2 लाख 30 हज़ार कर्मचारी और 2 लाख 80 हज़ार छात्रों को फ्लू शॉट की ज़रूरत पड़ेगी. अमेरिका में इस साल सीजनल फ्लू के 39 मिलियन से लेकर 56 मिलियन तक मामले सामने आ सकते हैं. करीब 7 लाख 40 हज़ार लोगों को अस्पताल की ज़रुरत पड़ सकती है जबकि इससे 62 हज़ार तक मौतें भी हो सकती हैं.