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अफगानिस्तान के हवाई अड्डे से 2 दशक बाद शुरू हुई नागरिक हवाई सेवा

रूस के बाद अमेरिकी आधिपत्य वाले अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद अब नागरिक सेवाएं बहाल होती नजर आ रही है.  अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के जलालाबाद हवाईअड्डे से दो दशक तक सेवा देने के बाद नागरिक उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं.

Updated on: 19 Jun 2022, 12:59 PM

highlights

  • जलालाबाद से तालिबान सरकार ने शुरू की हुई नागरिक हवाई सेवा
  • व्यापारियों ने तालिबान सरकार से अंतरराष्ट्रीय सेवा शुरू करने की मांग
  • पहले सिर्फ अमेरिकी सेना ही करती थी जलालाबाद हवाईअड्डे का इस्तेमाल

काबुल:

रूस के बाद अमेरिकी आधिपत्य वाले अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद अब नागरिक सेवाएं बहाल होती नजर आ रही है.  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के जलालाबाद हवाईअड्डे से दो दशक तक सेवा देने के बाद नागरिक उड़ानें फिर से शुरू कर दी हैं.  टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि यहां से हर हफ्ते तीन से चार उड़ानें होंगी. गौरतलब है कि इससे पहले अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के जलालाबाद हवाईअड्डे का इस्तेमाल अमेरिकी और अन्य विदेशी सैनिकों के लिए दो दशक किया जा रहा था. 

आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है हवाई अड्डा
परिवहन और नागरिक उड्डयन उप मंत्री इमाम मोहम्मद वारिमाच ने अपने बयान में कहा है कि नंगरहार हवाई अड्डे से नागरिक उड़ानों की बहाली एक अच्छा कदम है. यह पूर्वी प्रांतों लघमन, नूरिस्तान, कुनार और नंगरहार के लिए एक प्रमुख संसाधन है. एमओटीसीए ने कहा कि वह हवाईअड्डे पर और सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करेगा. वहीं, मंत्रालय के प्रवक्ता इमामुद्दीन वरीमाच बताया कि इस्लामिक अमीरात के सत्ता में आने के साथ हमने इस हवाईअड्डे को फिर से सक्रिय कर दिया है और इसे सभी आवश्यक उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं. इसके साथ ही एमओटीसीए के कर्मचारी अपने पदों पर पदस्थ हो चुके हैं. 

व्यापारियों ने की अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की मांग
इस बीच कारोबारियों ने नंगरहार प्रांत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू करने का आह्वान करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें देश की अर्थव्यवस्था को मदद कर सकती हैं. टोलो न्यूज ने एक व्यवसायी जाल्मय अजीमी के हवाले से बताया कि मैं इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों से इस हवाई अड्डे और हवाई-गलियारे से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा देने की अपील करता ह्रूं. इस प्रकार हम अफगानिस्तान से अपना माल आसानी से निर्यात कर सकेंगे.

पहले सिर्फ अमेरिकी सेना करती थी हवाई अड्डे का इस्तेमाल
इससे पहले अमेरिकी सशस्त्र बलों और नागरिक ठेकेदारों द्वारा जलालाबाद हवाई अड्डे का उपयोग किया जाता था. वे फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस फेंटी से संचालित होते थे. अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) और रेसोल्यूट सपोर्ट मिशन (आरएसएम) के सदस्यों ने भी हवाई अड्डे का इस्तेमाल किया करते थे. 

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 भारत-अफगान हवाई सेवा भी जल्द
भारत और तालिबान के बीच जमी बर्फ भी पिघलती नजर आ रही है. तालिबान के सत्ता में वापसी को मान्यता नहीं देने वाले भारत और तिलिबान शासित अफगानिस्तान  के बीच हवाई सेवा शुरू होने चर्चा है. इसे दोनों सरकारों के बीच बढ़ती तालमेल के रूप में देखा जा रहा है. बताया जाता है कि 2 जून को भारतीय दल के अफगानिस्तान दौरे के दौरान भारत-अफगानिस्तान के बीच ये उड़ान सेवा शुरू करने पर सहमति बन चुकी है.