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CIA ने ईरान और रूस पर जताया शक, कहा किया जा रहा मखबिरों का शिकार

CIA ने हाल ही में अपने जासूसों को चेतावनी दी है.. कहा है कि अपने सूत्रों पर ज्यादा भरोसा करने की जरुरत नहीं है. क्योंकि कई सूत्र दो देशों के एजेंट बन गए हैं. इन पर ज्यादा भरोसा करना ठीक नहीं होगा..

Updated on: 06 Oct 2021, 06:50 PM

highlights

  • कई केस में ये एजेंट दूसरे देश से मिलकर बन गए डबल एजेंट 
  • कहा जासूस अपने सूत्रों पर बहुत ज्‍यादा भरोसा न करें
  • चीन और रूस को अमेरिका दे रहा चुनौति 

नई दिल्ली :

CIA ने हाल ही में अपने जासूसों को चेतावनी दी है.. कहा है कि अपने सूत्रों पर ज्यादा भरोसा करने की जरुरत नहीं है. क्योंकि कई सूत्र दो देशों के एजेंट बन गए हैं. इन पर ज्यादा भरोसा करना ठीक नहीं होगा.. सीआईए के काउंटर-इंटेलिजेंस मिशन सेंटर ने पिछले कई सालों में ऐसे दर्जनों मामलों को देखा है जिनमें विदेशी मुखबिर को गिरफ्तार किया गया या मार दिया गया..CIA ने ईरान और रूस पर शक जताते हुए कहा है कि हमारे मुखबिरों को मारा जा रहा है.. ये सब सूत्रों पर ज्यादा भरोसा करने के कारण ही हो रहा है.. बताया गया कि इसके पीछे का कारण खराब ट्रेडक्राफ्ट, सोर्सेज पर बहुत अधिक भरोसा करना, विदेशी खुफिया एजेंसियों को कम आंकना  है..

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खबरों के मुताबिक सीआईए का मानना है कुछ अमेरिकियों ने ईरान और चीन को उसके एजेंटों के बारे में सूचना दी जिससे ये जासूस उनकी पकड़ में आए.. विदेशी खुफिया एजेंसियां एआई, बायोमेट्रिक्स, हैकिंग आदि तकनीक का इस्‍तेमाल करक सीआईए अधिकारियों पर नजर रख रहे हैं .जिससे मुखबिर पकड़ में आ रहे हैं. साथ ही उन्हे अपनी जान गंवानी पड़ रही है.. बताया गया कि  अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने से सीआईए परेशान है क्योंकि अब उन्हें अफगानिस्तान में खुफिया जानकारियां जमा करने में और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.. पूर्व अधिकारियों का मानना है कि ईरान और चीन जैसे देश में वहां की खुफिया एजेंसियां सीआईए द्वारा इस्तेमाल की जा रही क्लासिफाइड कम्युनिकेशन सिस्टम तक पहुंच चुकी हैं.. एक्सपर्ट्स का मानना है कि  कई बार मिशन पर फोकस इतना बढ़ जाता है कि सुरक्षा उपाय पर उचित ध्यान नहीं दिया जाता है..