एलएसी पर तैनात नहीं है चीन की रोबोटिक सेना, हथियारों से लैस मानवरहित सेना प्रोपेगेंडा

लद्दाख में एलएसी पर अभी तक कोई चीनी रोबोटिक सैनिक नहीं देखा गया है, जो उनके असली सैनिकों को अत्यधिक ठंड से बचने के लिए लगायी गयी हो.

लद्दाख में एलएसी पर अभी तक कोई चीनी रोबोटिक सैनिक नहीं देखा गया है, जो उनके असली सैनिकों को अत्यधिक ठंड से बचने के लिए लगायी गयी हो.

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Pradeep Singh
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LAC

लद्दाख में एलएसी ( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

लद्दाख में एलएसी पर चीन के रोबोटिक सैनिक तैनात करने की खबर की पोल खुल गयी है. भारतीय सैनिकों को हतोत्साहित करने के लिए यह ड्रैगन की सोची-समझी चाल थी.एलएसी पर अभी चीन की कोई रोबोटिक सेना तैनात नहीं है. यह महज अफवाह है. सुरक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक “लद्दाख में एलएसी पर अभी तक कोई चीनी रोबोटिक सैनिक नहीं देखा गया है, जो उनके (चीन) के असली सैनिकों को अत्यधिक ठंड से बचने के लिए लगायी गयी हो.”  

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लद्दाख में भारी ठंडी होती है. सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए शून्य से नीचे की बर्फीली ठंडी बहुत भारी पड़ती है. लेकिन दुश्मनों को नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए सैनिक ठंडी, गर्मी और बरसात की परवाह किए बिना सीमा पर तैनीत रहते हैं. गलवान घाटी में ड्रैगन की नापाक हरकतों को देखते हुए भारतीय जवान वहां मुस्तैदी से तैनात रहते है.

अक्साई चिन में भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिक आमने-सामने तैनात हैं. भारतीय सैनिक तो ठंड से अपने को बचाने में सफल हैं लेकिन पीएलए के हजारों सैनिक अक्‍साई चिन की जमा देने वाली ठंड और कम ऑक्‍सीजन का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. इस बर्फीले माहौल में कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई है और उसे इस इलाके में तीन बार अपने कमांडर को भी बदलना पड़ा है. इस बीच एक खबर आई कि भारतीय सैनिकों का मुकाबला करने के लिए चीन वे अपनी किलर रोबोट सेना को तैनात किया है. यह रोबोट मशीनगन से लैस हैं और तिब्‍बत के ऊंचाई वाले इलाकों में गश्‍त कर रहे हैं.

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मीडिया में आई खबरों के मुताबिक चीन ने दर्जनों की संख्‍या में हथियार और सप्‍लाइ से लैस मानवरहित वाहन तिब्‍बत में भेजे हैं. इनमें से ज्‍यादातर को भारत से लगती एलएसी पर तैनात किया गया है. इन मानवरहित वाहनों में शार्प क्‍ला शामिल है जिसके ऊपर एक हल्‍की मशीनगन लगी हुई है. यह दूर से ही संचालित की जा सकती है. इसके अलावा मुले-200 को तैनात किया गया है जो मानवरहित सप्‍लाइ वाहन है लेकिन इसमें भी हथियार को लगाया जा सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 88 शार्प क्‍ला रोबोट को तिब्‍बत भेजा है. इसमें से 38 को सीमा पर तैनात किया गया है. इसके अलावा 120 मुले- 200 वाहन को भेजा गया है. इसके अलावा चीन ने 70 वीपी-22 हथियारबंद वाहनों को भी तिब्‍बत भेजा है जिसमें से 47 को सीमाई इलाके में तैनात किया गया है. इसी तरह से चीन ने 150 लिंक्‍स वाहनों को सीमा पर भेजा है जो खतरनाक और खराब रास्‍तों पर भी चल सकते हैं. इसमें तोपें, हैवी मशीन गन, मोर्टार और मिसाइल लॉन्‍चर को भी लगाया जा सकता है.

चीन ने अपने सैनिकों को ऐसे उपकरण दिए हैं जिससे वे ज्‍यादा वजन उठाकर चल सकते हैं. बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्‍जा करने की हसरत रखने वाले चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को उनका यह सपना बहुत भारी पड़ रहा है. लद्दाख की भीषण ठंड और कम ऑक्‍सीजन अब चीनी सैनिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. वे पेट से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं. इसी बीमारी की चपेट में आने से चीनी सेना के सबसे बड़े पश्चिमी थिएटर कमांड के कमांडर रहे झांग जुडोंग की मौत हो गई है. वह मात्र 6 महीने ही लद्दाख की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को झेल पाए.

HIGHLIGHTS

  • पीएलए के सैनिक अक्‍साई चिन की ठंड का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं
  • इस बर्फीले माहौल में कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई है 
  • उसे इस इलाके में तीन बार अपने कमांडर को भी बदलना पड़ा है
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