चीन की चेतावनी, अमेरिका भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान को 'डंप' कर देगा  

अगर जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया चीन को नियंत्रित करने की अमेरिकी रणनीति को मानकर  बहुत आगे जाते हैं, तो वे तोप का चारा बन जाएंगे क्योंकि चीन अपने हितों की रक्षा करेगा.

अगर जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया चीन को नियंत्रित करने की अमेरिकी रणनीति को मानकर  बहुत आगे जाते हैं, तो वे तोप का चारा बन जाएंगे क्योंकि चीन अपने हितों की रक्षा करेगा.

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Pradeep Singh
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क्वाड देशों के प्रमुख( Photo Credit : News Nation)

ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के नेताओं ने "चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता" के पहले शिखर सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा,  कोविड-19 वैक्सीन   के सहयोग और साथ ही साथ अफगानिस्तान की स्थिति सहित कई मुद्दों पर 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में चर्चा की. चीन इस समिट से जला-भुन गया है. चीन ने ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के एशियाई लोकतंत्रों को चेतावनी दी है कि अमेरिका उन्हें "कचरा" की तरह "डंप" देगा, जिस तरह से उसने अफगानिस्तान में अपने सहयोगियों को छोड़ दिया. अफगानिस्तान से सेना वापसी के बाद अमेरिका की व्यापक रूप से आलोचना की गयी. 

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24 सितंबर को वाशिंगटन, डीसी में "क्वाड" समूह  का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया. क्वाड के चार-राष्ट्रप्रमुखों की पहली बार व्यक्तिगत रूप से शिखर सम्मेलन को उपस्थित होने पर राज्य समर्थित ग्लोबल टाइम्स में चेतावनी दी गई थी.  व्हाइट हाउस शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने की थी और इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापानी पीएम योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन ने भाग लिया था.

ग्लोबल टाइम्स ने विश्लेषकों के हवाले से कहा, "अगर जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया चीन को नियंत्रित करने की अमेरिकी रणनीति को मानकर  बहुत आगे जाते हैं, तो वे तोप का चारा बन जाएंगे क्योंकि चीन अपने हितों की रक्षा करेगा."

कॉलम में फुडन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लिन मिनवांग के हवाले से कहा गया है कि तालिबान द्वारा देश के अधिग्रहण के मद्देनजर अफगानिस्तान में अपने हितों को "बहुत नुकसान" झेलने के बाद भी, भारत ने शिकायत किए बिना "कड़वी गोली निगल ली."

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क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रकाशित एक संपादकीय में, ग्लोबल टाइम्स ने एशियाई लोकतंत्रों को भी चेतावनी दी कि यदि वे बीजिंग का सामना करने में "बहुत दूर" अमेरिका का अनुसरण करते हैं तो वे बीजिंग से महत्वपूर्ण प्रतिशोध ले सकते हैं.

ग्लोबल टाइम्स ने आगाह किया कि वाशिंगटन "एशियाई बनाम एशियाई" रणनीति अपनाएगा और इस क्षेत्र के कुछ देशों को दूसरों के खिलाफ खड़ा करेगा, जबकि खुद क्षेत्रीय मामलों में "सीधे तौर पर उलझने" से बचेगा. अखबार ने दावा किया कि क्वाड का असली उद्देश्य चीन को "घेरना" है, यहां तक ​​​​कि अमेरिका दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को क्यों घेरना चाहेगा.

चीनी मीडिया ने क्वाड को "चार अलग-अलग बीमारियों वाले चार वार्ड" के रूप में वर्णित किया

ग्लोबल टाइम्स ने व्हाइट हाउस शिखर सम्मेलन की अगुवाई में दो व्यंग्यात्मक कार्टून भी प्रकाशित किए, जिनमें से एक में "अंकल सैम" द्वारा संचालित बस में एक "बिना नुकीले कंगारू", एक हाथी और एक व्यक्ति को दिखाया गया था. दूसरे कार्टून में, एक अमेरिकी ईगल को उक्त एशियाई देशों की मदद से चीन को घेरने की योजना के बारे में सोचते हुए दिखाया गया, यहां  यह भी तर्क दिया गया कि समूह बीजिंग को कोई नुकसान पहुंचाने में "अक्षम" है.

क्वाड पर तीखी टिप्पणियां और राज्य समर्थित मीडिया में एशियाई राष्ट्रों को चेतावनी चीनी सरकार के आधिकारिक बयानों के अनुरूप हैं, विदेश मंत्री वांग यी ने अतीत में क्वाड को "एशियाई नाटो" के रूप में चिंहित किया था जो  क्षेत्र में अस्थिरता का कारण बन सकता है. 

HIGHLIGHTS

  • 24 सितंबर को वाशिंगटन, डीसी में "क्वाड" समूह  का शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया
  • ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख के माध्यम से चीन ने क्वाड देशों को दी चेतावनी
  • क्वाड देशों को चीन के विरोध और अमेरिका की कठपुतली न बनने की नसीहत

 

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