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COVID-19 पर चीन ने तोड़ी चुप्पी, बताया- कब और कहां से आया कोरोना का पहला केस

अमेरिका में इस वायरस ने एक लाख से ज्यादा जिंदगियों को लील लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया है कि चीन ने जानबूझकर ये वायरस दुनिया भर में फैला दिया है.

Updated on: 08 Jun 2020, 12:22 AM

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Corona Virus) संक्रमण का कहर पूरी दुनिया पर लागातार जारी है. चीन के वुहान शहर से निकलकर कोरोनावायरस (Corona Virus) ने दुनियाभर में महामारी फैला रखी है. इस वायरस ने सबसे भयंकर तबाही अमेरिका में मचाई है. अमेरिका में इस वायरस ने एक लाख से ज्यादा जिंदगियों को लील लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यहां तक कह दिया है कि चीन ने जानबूझकर कोविड -19 (COVID-19) वायरस दुनिया भर में फैला दिया है. अमेरिका के इस आरोप का जवाब देने के लिए चीन ने रविवार को एक श्वेत पत्र जारी किया है. इस श्वेतपत्र में चीन ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि कोरोना का पहला मामला वुहान में 27 दिसंबर को सामने आया था.

आपको बता दें कि, पूरी दुनिया के आरोपों से घिर जाने के बाद चीन ने कोरोना वायरस के प्रसार पर अपनी सफाई पेश की. चीन ने श्वेतपत्र द्वारा अपनी सफाई देते हुए कहा है कि चीन के वुहान में कोरोना का पहला मामला वुहान में 27 दिसंबर को सामने आया था, जबकि निमोनिया और मानव से मानव में संक्रमण फैलने के बारे में 19 जनवरी को पता चली थी. इस श्वेत पत्र में चीन ने खुद को निर्दोष बताते हुए यहा भी लिखा है कि वो इस वायरस से निजात पाने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी थी.

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अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने चीन पर लगाए आरोप
न्यूज एजेंसी भाषा ने चीनी मीडिया के सूत्रों से एक रिपोर्ट में बताया कि चीन सरकार ने जो श्वेतपत्र जारी किया है उसमें बताया है कि वुहान में पिछले साल कोरोना वायरस के मामले आने पर जानकारी छिपाने तथा इसके बारे में काफी समय बाद खबर देने के आरोपों को एक सिरे से नकारते हुए एक लंबा एक्सप्लेनेशन दिया गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने चीनी मीडिया के हवाले एक एक रिपोर्ट में बताया है कि चीन सरकार द्वारा जारी श्वेतपत्र में वुहान में पिछले साल कोरोना वायरस के मामले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया के कई अन्य भी चीन पर कोरोना वायरस संक्रमण जैसी घातक बीमारी को फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं. चीन पर दुनिया के कई देशों ने ये आरोप लगाया है कि उसने घातक बीमारी के बारे में पारदर्शिता के साथ जानकारी नहीं दी जिससे की वैश्विक आर्थिक और जनहानि संकट उत्पन्न हो गया है.

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वायरस मानव से मानव में फैलता है यह बात 19 जनवरी को पता चली- चीन
चीन द्वारा जारी किए गए श्वेतपत्र के मुताबिक वुहान शहर में 27 दिसंबर 2019 को एक अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस की पहचान की गई. इसके बाद वुहान की स्थानीय सरकार ने स्थिति को देखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली. चीन ने इस श्वेतपत्र के माध्यम से आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ टीम ने 19 जनवरी को पहली बार इस बात की पुष्टि की कि यह घातक वायरस मानव से मानव में फैल सकता है. चीन के अग्रणी श्वसन रोग विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा कि 19 जनवरी से पहले इस बारे में पर्याप्त सबूत नहीं थे कि विषाणु मानव से मानव में फैल सकता है.

चीन की वजह से अमेरिका ने तोड़ा WHO से नाता
इस श्वेतपत्र में चीन ने ये भी कहा है कि जब कोरोना वायरस के मानव से मानव में फैलने का पता चला तो इसकी रोकथाम के लिए चीन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी थी. आपको बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी में दुनिया के कई देशों ने चीन की भूमिका को लेकर पहले ही सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग कर चुके हैं. इस वायरस के संक्रमण के साथ ही चीन पर दुनिया भर के देशों का शक भी बढ़ा है. सबसे पहले अमेरिका ने कोरोना वायरस संक्रमण में चीन पर आरोप लगाया और चीन पर कार्रवाई करने की धमकी भी दी. इसी वजह से अमेरिका ने WHO से भी नाता तोड़ लिया है.