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चीन में माओ 'युग' की वापसी, अब आजीवन राष्ट्रपति बने रहेंगे जिनपिंग- संसद ने दी संवैधानिक बदलाव को मंजूरी

चीन के संविधान में संशोधन के साथ ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग के असीमित कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है। चीन की संसद ने आज राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी लिमिट को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है।

Updated on: 12 Mar 2018, 10:12 AM

highlights

  • चीन के संविधान में संशोधन के साथ ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग के असीमित कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है
  • चीन की संसद ने आज राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी लिमिट को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है

नई दिल्ली:

चीन के संविधान में संशोधन के साथ ही वहां 'माओ युग' की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।

चीन की संसद ने आज राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी लिमिट को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। इस बदलाव के बाद मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आजीवन राष्ट्रपति पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है।

पुराने कानून के मुताबिक चीन में किसी व्यक्ति को लगातार दो बार ही राष्ट्रपति पद के लिए चुना जा सकता था। संसद के सालाना सत्र के पहले सीपीसी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटाने का प्रस्ताव किया था, जिसे मंजूरी मिल गई।

गौरतलब है कि माओत्से तुंग की तरह अनिश्चित काल तक फिर किसी के द्वारा सत्ता हथियाने के खतरे की आशंका को देखते हुए देंग शियोपिंग ने चीन में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल (10 साल) की सीमा तय कर दी थी।

माओ की मत्यु के बाद देंग ने चीन की सत्ता की कमान संभाली थी। देंग के कार्यकाल में चीन में पहली बार बाजार आधारित आर्थिक सुधारों को लागू किया गया।

शी का दूसरा कार्यकाल चल रहा है जो 2023 में खत्म होगा। नए बदलाव के बाद अब उन्हें फिर से राष्ट्रपति बनने की कानूनी अड़चनें हमेशा के लिए खत्म हो गई है।

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना( सीपीसी) की तरफ से इस संवैधानिक बाध्यता को बदले जाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जिसे संसद की मंजूरी मिलना तय माना जा रहा था।

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