logo-image

चीन ने अमेरिका को फिर दिखाई आंखें, पाकिस्तान के खिलाफ कुछ सुनने को तैयार नहीं

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) मामले में अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स (Elice Wells) के बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है और कहा है कि अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान के संबंधों को खराब करने की नाकाम कोशिश की है.

Updated on: 23 May 2020, 08:03 AM

highlights

  • चीन ने अमेरिका पर पाकिस्तान से संबंध बिगाड़ने का आरोप मढ़ा.
  • सीपीईसी पर एलिस वेल्स के खिलाफ चीनी प्रशासन सख्त.
  • चीन के आक्रामक रवैये पर भारत का पक्ष भी लिया था वेल्स ने.

बीजिंग:

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) मामले में अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स (Alice Wells) के बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है और कहा है कि अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान के संबंधों को खराब करने की नाकाम कोशिश की है. पाकिस्तान (Pakistan) ने भी वेल्स के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि सीपीईसी को लेकर कोई अंदेशा नहीं होना चाहिए, उसे इस परियोजना से लाभ हुआ है. पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने वेल्स के बयान पर कहा है कि वह अतीत में भी ऐसी 'बेबुनियाद' बातें करती रही हैं. गौरतलब है कि जल्द ही सेवानिवृत्त होने जा रहीं अमेरिकी विदेश विभाग की दक्षिण व मध्य एशिया मामलों की सहायक सचिव एलिस वेल्स ने कहा था कि चीन ने सीपीईसी के नाम पर पाकिस्तान पर जो कर्ज लादा है, वह उस पर पुनर्विचार करे.

यह भी पढ़ेंः Pakistan Plane Crashes: कराची के रिहाइशी इलाके में गिरा विमान, 45 की मौत

पाकिस्तान को बताया बराबर का भागीदार
चीनी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि 'हम पाकिस्तान को बराबर का भागीदार समझते हैं. हम पाकिस्तान से 'डू मोर' (अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करने का दबाव) की मांगें नहीं करते रहते हैं. हम पाकिस्तान के विकास में यकीन रखते हैं और कभी इसके अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देते. हमने हमेशा क्षेत्र में पाकिस्तान की सकारात्मक भूमिका को उजागर किया है. हमें किसी शिक्षक, विशेषकर अमेरिका जैसे शिक्षक की जरूरत नहीं है.' चीनी दूतावास ने कहा कि सीपीईसी दोनों देशों के लिए लाभकारी है. बयान में यह भी कहा गया है कि चीन कभी भी पाकिस्तान पर कर्ज की वापसी को लेकर दबाव नहीं डालेगा. वेल्स ने हाल में भारत के साथ सीमा पर तनाव के लिए भी चीन को आड़े हाथ लिया था. उन्होंने कहा कि चीन के उकसावे और उसके परेशान करने वाले व्यवहार ने सवाल खड़े किए हैं कि वह (चीन) अपनी बढ़ती ताकत का कैसा इस्तेमाल करना चाह रहा है.

यह भी पढ़ेंः कोरोना संक्रमण के दौर में इवांका ट्रंप को आया ज्योति कुमारी पर 'प्यार'! ट्वीट कर बताया प्रेरणा

एलिस वेल्स ने दिया था बयान
उन्होंने दक्षिण व मध्य एशिया के पत्रकारों के साथ वीडियो लिंक के जरिए की गई विदाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, 'कोविड-19 जैसे संकट के समय यह वास्तव मे चीन के लिए जरूरी हो गया है कि वह पाकिस्तान को उस बोझ से बचाने के लिए कदम उठाए जो परभक्षी, अव्यवहारिक व अन्यायपूर्ण कर्जो के कारण उस पर पड़ने जा रहे हैं.' वेल्स ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि चीन या तो इन कर्जो को माफ कर देगा या फिर इसे पाकिस्तान के लोगों के लिए एक न्यायपूर्ण और पारदर्शी करार में बदलने के लिए वार्ता की शुरुआत करेगा.' वेल्स ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सीपीइसी परियोजना में चीन की सरकारी संस्थाओं को गैरमुनासिब तरीके से भारी मुनाफा पहुंचाया गया है और आज चीन के साथ पाकिस्तान का व्यापार असंतुलन बहुत अधिक हो गया है.