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चीन की नई चाल, भारत के खिलाफ पाक सेना को देगा नेविगेशन सिस्टम

पाकिस्तान (Pakistan) सैन्य और सिविल दोनों उद्देश्यों के लिए चीनी नेविगेशन सिस्टम बीदॉ का उपयोग करने के लिए तैयार है, जो अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) पर निर्भरता को समाप्त करेगा.

Updated on: 22 Aug 2020, 09:40 AM

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पाकिस्तान (Pakistan) सैन्य और सिविल दोनों उद्देश्यों के लिए चीनी नेविगेशन सिस्टम बीदॉ का उपयोग करने के लिए तैयार है, जो अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) पर निर्भरता को समाप्त करेगा. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह पाकिस्तान और चीन (China) के रक्षा और रणनीतिक सहयोग का हिस्सा है. सूत्रों ने कहा कि चीन अमेरिका स्थित जीपीएस आधिपत्य को समाप्त करना चाहता है और एशियाई क्षेत्र में सबसे पहले अपने स्वयं के विकसित नेविगेशन सिस्टम के लिए जोर लगाना चाहता है.

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चीन-पाकिस्तान नया समीकरण
चीनी सैटेलाइट नेविगेशन ऑफिस (सीएसएनओ) ने बैदू को पाकिस्तान में सतत संचालन रडार स्टेशन (सीओआरएस) नेटवर्क स्थापित करने के लिए सहमति व्यक्त की है. यह विशेष रूप से सर्वेक्षण एवं मानचित्रण, निर्माण और वैज्ञानिक अध्ययन के क्षेत्र में सटीक भू-स्थानिक जानकारी प्राप्त करने में पाकिस्तान की मदद करेगा. चीन ने बीदॉ ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की निगरानी और आकलन के लिए अपने अंतरिक्ष और ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग (सुपार्सो) में एक निगरानी स्टेशन स्थापित किया है. सिस्टम तीन अगस्त को पूरा हो गया है.

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एशिया नेटवर्क का विस्तार
एक सूत्र ने कहा, 'चीन ने तीन अगस्त को अपने नेविगेशन सिस्टम प्रोजेक्ट को पूरा करने की घोषणा की है.' सूत्र ने कहा कि चीन अब एशिया क्षेत्र में पहले नेटवर्क का विस्तार करना चाहता है. सीएसएनओ और सुपार्सो के बीच सैटेलाइट नेविगेशन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौते पर मई 2013 में हस्ताक्षर किए गए थे. सिस्टम का अंतिम प्रक्षेपण 23 जून को किया गया था, जो आखिरकार दो दशकों तक चली एक परियोजना को समाप्त करने के बाद किया गया था. चीन ने 1990 के दशक में इस प्रणाली को विकसित करना शुरू किया और यात्रा शुरू करते हुए 2000 में पहला उपग्रह लॉन्च किया गया.

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पाकिस्तान को दे रहा है हथियार भी
जैसा कि पाकिस्तान चीनी रक्षा उपकरण खरीद रहा है, यह बीदॉ में पूरी तरह से एकीकृत हो जाएगा. धीरे-धीरे पाकिस्तान सशस्त्र बल अपने सभी महत्वपूर्ण सैन्य प्लेटफार्मों के लिए बीदॉ नेविगेशन सिस्टम को पूरी तरह अपना लेगा. पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनाती के लिए चीन से रक्षा उपकरण खरीदने की राह पर है. चाहे वह हवाई रक्षा संबंधी उपकरण हों, तोपखाने हों, यूएवी, जहाज, पनडुब्बी या लड़ाकू विमान हों, पाकिस्तान यह सब चीन से खरीद रहा है.