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big dam is being built on Brahmaputra river( Photo Credit : @ani)
चीन 60,000 मेगा वाट की क्षमता का डैम बना रहा है. ये यारलुंग त्सांगपो नदी पर तैयार किया जा रहा है. चीन जिस डैम को बनाने का प्रयास कर रहा है, वो डैम मेडोग बॉर्डर पर है जो अरुणाचल प्रदेश के काफी नजदीक है. भारत, चीन के इस डैम के बनने को लेकर कंसर्न है. सूत्रों का कहना है कि डैम बनने के बाद चीन ब्रह्मपुत्र नदी का पानी डाइवर्ट कर सकता है. यही नहीं इस डैम के पानी को रोककर तेजी से छोड़कर चीन बाढ़ जैसी स्थिति बना सकता है. चीन के डैम से अरुणाचल प्रदेश, असम में पानी की किल्लत या फिर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
बांग्लादेश पर भी प्रभाव पड़ेगा
इसको लेकर भारत ने भी कमर कस ली है. भारत भी अरुणाचल प्रदेश में कई डैम तैयार कर रहा है जो स्टोरेज कैपेसिटी के साथ हैं. चीन को काउंटर करने के लिए भारत बड़े पैमाने पर अरुणाचल प्रदेश में डैम बना रहा है. इसमें करीब 1 साल तक के स्टोरेज की व्यवस्था होगी. इनमें कुछ डैम बनकर लगभग तैयार हो चुके हैं. यानी चीन की चाल को किसी भी तरह कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
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नुकसान भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को उठाना पड़ता है
चीन की सरकार ब्रह्मपुत्र नदी पर अब तक 11 हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट तैयार कर चुकी है. इन बांधों के कारण नदी के बहाव में असामान्य बदलाव देखने को मिलता है. चीन जब चाहता है इन बांधों के दरवाजों को खोल देता है. ज्यादा बारिश होने पर इसका नुकसान भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को उठाना पड़ता है. नदी यारलंग सागपो चीन से निकलती है. यह तिब्बत के रास्ते अरुणाचल प्रदेश से भारत में प्रवेश करती है. यहां से यह असम होते हुए बांग्लादेश आती है. चीन के अधिकतर हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट तिब्बत के क्षेत्र में आते हैं. इस तरह चीन नदी के बहाव को रोकर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में तबाही मचाता है.
HIGHLIGHTS
- मेडोग बॉर्डर पर है डैम जो अरुणाचल प्रदेश के नजदीक है
- डैम बनने के बाद चीन ब्रह्मपुत्र नदी का पानी डाइवर्ट कर सकता है