चीन (China) की शह पर भारत (India) के साथ सदियों के रोटी-बेटी वाले संबंधों को हर लिहाज से तोड़ने पर आमादा नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के सामने एक बार फिर अंदरूनी चुनौतियां तेजी से सिर उठा रही हैं. इसकी वजह भी वह खुद बने हैं. उन्होंने चीन के अतिक्रमण की खबरों को दबाकर अपनी ही पार्टी ही नहीं, बल्कि विरोधी पार्टियों को भी अपने खिलाफ मोर्चा खोलने का खुला न्योता दे दिया है. ऐसे में उनसे इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है. इस्तीफा मांगने वालों में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड सबसे आगे हैं.
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चीन के खिलाफ माहौल गर्माया
भारतीय इलाकों पर कब्जा जताते नक्शे को संसद में पारित कराने के समय से ही उनके खिलाफ आवाजें उठने लगी थीं. हालांकि नक्शा को नेपाल की राष्ट्रीयता से जोड़ कर मुद्दा बनाने की वजह से सांसद और नेता खुलकर नहीं बोले. हालांकि अब नेपाल की विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने संसद के निचले सदन में चीन के अतिक्रमण के खिलाफ पर एक प्रस्ताव दिया है. नेपाली कांग्रेस के सांसद देवेंद्र राज कंदेल, सत्य नारायण शर्मा खनाल और संजय कुमार गौतम ने यह प्रस्ताव पेश किया है. इसके मुताबिक, 'चीन ने दोलका, हुमला, सिंधुपलचौक, संखूवसाभा, गोरखा और रसूवा जिलों में 64 हेक्टेयर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है.'
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चीन ने 10 स्थानों पर किया कब्जा
गौरतलब है कि पिछले दिनों मीडिया में नेपाल सरकार के कृषि मंत्रालय के सर्वे डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया था कि चीन ने 10 जगहों पर कब्जा कर रखा है. यही नहीं 33 हेक्टेयर की नेपाली जमीन पर नदियों की धारा बदलकर प्राकृतिक सीमा बना दी गई है और कब्जा कर लिया गया है. चीन ने नेपाल के रुई गांव पर कब्जा कर लिया है और कथित तौर पर अतिक्रमण को वैध बनाने के लिए गांव के सीमा स्तंभों को हटा दिया है. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में रुई को लेकर सफाई तो जारी कर दी है लेकिन तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में सड़क नेटवर्क के लिए निर्माण के बहाने से जमीन कब्जाने को लेकर कुछ नहीं कहा है.
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विदेश मंत्रालय खबरों को नकार रहा
इसके उलट केपी शर्मा के निर्देश पर नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन खबरों का खंडन किया. साथ ही कहा कि जिन खंभों के गायब होने की बात कही जा रही है, वे दरअसल वहां थे ही नहीं. हालांकि, सरकार ने अपने बयान में तिब्बत में नदियों का रास्ता मोड़कर जमीन कब्जाने को लेकर कुछ नहीं कहा है. मंत्रालय ने कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में नेपाल-चीन सीमा को लेकर अतिक्रमण की बात कही गई है. यह खबरें कृषि मंत्रालय की उस कथित 'रिपोर्ट' पर आधारित हैं जिसका मंत्रालय पहले ही खंडन कर चुका है और यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.
HIGHLIGHTS
- चीन की गोद में जा बैठे नेपाली पीएम ने चीनी अतिक्रमण पर आंखें बंद कीं.
- विपक्षी पार्टियों समेत उनकी अपनी पार्टी में तेज हुए विरोध के स्वर.
- नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मांगा इस्तीफा.