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LeT के शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चीन ने फिर डाला अड़ंगा

भारत (India) ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-E-Taiba) के शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त था.

Updated on: 19 Oct 2022, 07:09 PM

highlights

  • अमेरिका ने यूएनएससी में लगातार चौथी बार पाकिस्तान को शर्मिंदगी से बचाया
  • इस बार शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर डाली अड़चन
  • साजिद मीर, अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल रउफ अजहर को बचा चुका है ड्रैगन

न्यूयॉर्क:

चीन (China) ने  संयुक्त राष्ट्र में लगातार चौथी बार पाकिस्तान (Pakistan) पोषित-पल्लवित आतंकी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया में रोड़ा डाला है. इस बार भारत (India) ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-E-Taiba) के शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त था. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 1267 अल-कायदा (Al Qaeda) प्रतिबंध समिति के तहत शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था. चीन ने चौथी बार बाधा डाल शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकी घोषित होने से रोक अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को शर्मिंदगी से बचा लिया. इसके पहले चीन लश्कर के ही साजिद मीर, लश्करऔर जमात-उद-दावा के अब्दुल रहमान मक्की और जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर (Masood Azhar) के भाई अब्दुल रउफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में अड़चन डाल चुका है. 

मुंबई आतंकी हमलों के दोषी साजिद मीर को सितंबर में बचाया था
इसके पहले सितंबर में चीन ने साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में रोड़ा डाला था. मीर लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर है और भारत में एलईटी के प्रचार-प्रसार का काम देखता है. साजिद मीर को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से भी एक माना जाता है. यही नहीं, उसने विदेशों में लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया, जिसमें भारतीय समेत अन्य पश्चिमी देशों के नागरिक मारे गए. अब चीन ने शाहिद महमूद को बचाया है, जो फलाह-ए-इंसानियत फॉउंडेशन (एफआईएफ) का उपाध्यक्ष भी है. एफआईएफ लश्कर-ए-तैयबा का मानवीय चेहरा है और फंड जुटाने की जिम्मेदारी भी संभालता है. लश्कर ने एफआईएफ को अपने मुखौटा बतौर लांच किया था. 2014 में शाहिद महमूद कराची में एफआईएफ का प्रमुख था. अगस्त 2013 में शाहिद को लश्कर के प्रचार-प्रसार इकाई के सक्रिय सदस्य बतौर भी पहचान की गई थी.  

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शाहिद महमूद ने माना अमेरिका-भारत पर आतंकी हमला लश्कर की प्रमुख जिम्मेदारी
अगस्त 2012 में शाहिद महमूद लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधिमंडल को बर्मा लेकर गया था. 2014 के मध्य में शाहिद ने सीरिया और तुर्किए की यात्रा की थी. इसके बाद ही उसे दोनों देशों में एफआईएफ के सभी क्रियाकलापों की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी. महमूद ने एफआईएफ की ओर से बांग्लादेश और गाजा की यात्रा भी की. इसके पहले शाहिद महमूद साजिद मीर के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा के विदेशी ऑपरेशनंस का भी हिस्सा रहा. इसके अतिरिक्त अगस्त 2013 में शाहिद महमूद को बांग्लादेश और बर्मा में इस्लामिक संगठनों से गुपचुप संबंध स्थापित करने के भी दिशा-निर्देश दिए गए थे. यही नहीं, 2011 के पूर्वाध में शाहिद महमूद ने दावा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा की प्रमुख जिम्मेदारी भारत और अमेरिका पर हमला करना है. 

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मई 2005 में संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर के प्रतिबंधित सूची में डाला
2016 में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण विभाग (ओएफएसी) ने लश्कर-ए-तैयबा को दो शीर्ष कमांडर मोहम्मद सरवर और शाहिद महमूद को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी की सूची में डाला था. सरवार और महमूद दोवों पर ही पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने का आरोप था. अमेरिका ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरवर और महमूद की सभी संपत्तियों और बैंक खातों को प्रतिबंधित कर दिया था. इसके साथ ही अमेरिकी नागरिकों को सरवर और महमूद से किसी भी तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी थी. दिसंबर 2001 में अमेरिका ने आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम (संशोधित) के अनुच्छेद 219 के आधार पर लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया फिर मई 2005 में संयुक्त राष्ट्र ने लश्कर-ए-तैयबा को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया था.