ट्रम्प ने दोबारा चुनाव जीतने के लिए शी चिनफिंग से मदद मांगी : बोल्टन का दावा

'द रूम व्हेयर इट हैपन्ड: अ व्हाइट हाउस मेमोयर' नाम की इस किताब के अंश द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को छापे.

'द रूम व्हेयर इट हैपन्ड: अ व्हाइट हाउस मेमोयर' नाम की इस किताब के अंश द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को छापे.

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Ravindra Singh
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ट्रंप के साथ बोल्टन( Photo Credit : फाइल)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए पिछले साल जापान में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से मदद मांगी थी. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपनी नयी किताब में यह दावा किया है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि बोल्टन की आगामी किताब में गोपनीय सूचनाएं हैं और न्याय विभाग ने इस किताब के प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है. 'द रूम व्हेयर इट हैपन्ड: अ व्हाइट हाउस मेमोयर' नाम की इस किताब के अंश द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को छापे. इस किताब के 23 जून से दुकानों में मिलने की उम्मीद है.

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राष्ट्रपति ने पिछले साल बोल्टन को बर्खास्त कर दिया था. ट्रंप ने बुधवार को द वॉल स्ट्रीट जर्नल से कहा, वह झूठा है. व्हाइट हाउस में हर कोई जॉन बोल्टन से नफरत करता है. राष्ट्रपति ने फॉक्स न्यूज को एक साक्षात्कार में कहा कि बोल्टन ने अत्यधिक गोपनीय सूचना सार्वजनिक की है. उन्होंने कहा, उनके पास इसके लिए मंजूरी भी नहीं है. अपनी किताब में बोल्टन ने यह भी आरोप लगाया है कि जब शी ने पिछले साल ट्रंप को बताया कि चीन उइगर मुसलमानों को बड़ी संख्या में नजरबंद करने के लिए बंदी शिविर बना रहा है तो ट्रंप ने कहा कि उन्हें ऐसा करना चाहिए. अपनी किताब में बोल्टन ने संदेह जताया है कि क्या ट्रम्प द्वारा चीन के खिलाफ अपनाया गया कड़ा रुख चुनावों तक टिका रहेगा.

उन्होंने लिखा, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या ट्रम्प का चीन को लेकर मौजूदा रुख चुनाव वाले दिन तक बना रहेगा? ट्रम्प प्रेजीडेंसी दर्शन, रणनीति या नीति पर आधारित नहीं है. यह ट्रम्प पर आधारित है. यह उन लोगों खासतौर से चीनी यथार्थवादियों के लिए सोचने का वक्त है जिन्हें पता है कि ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल में क्या करेंगे. बोल्टन ने दावा किया कि ट्रम्प ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर 29 जून 2019 को ओसाका में एक बैठक के दौरान अपने पुन: चुनाव में चीनी राष्ट्रपति से मदद मांगी थी. बोल्टन ने कहा, ओसाका में 29 जून को हुई बैठक में शी ने ट्रम्प से कहा कि अमेरिका-चीन के संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि कुछ (बिना नाम लिए) अमेरिकी नेता चीन के साथ नए शीतयुद्ध की बात करके गलत टिप्पणियां कर रहे हैं. 

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उन्होंने लिखा, मुझे नहीं मालूम कि शी का इशारा डेमोक्रेट्स की ओर था या अमेरिकी सरकार के कुछ लोगों की तरफ लेकिन ट्रम्प ने फौरन मान लिया कि शी का मतलब डेमोक्रेट्स से है. ट्रम्प ने सहमति जताते हुए कहा कि डेमोक्रेट्स में चीन के प्रति शत्रुता का भाव है. बोल्टन ने कहा, इसके बाद बातचीत अचानक से आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर पहुंच गई जिसमें चीन की आर्थिक क्षमता की ओर इशारा किया गया और शी से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया कि वह जीत जाएं. इस किताब के अंश प्रकाशित होने के तुरंत बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन ने ट्रम्प की आलोचना की. पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, आज हमें जॉन बोल्टन से मालूम चला कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने राजनीतिक भविष्य की रक्षा करने के लिए अमेरिकी लोगों को बेच दिया.

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उन्होंने चीन के नेता शी चिनफिंग से कथित तौर पर सीधे दोबारा चुनाव जीतने में मदद मांगी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, इस किताब में कई गोपनीय सूचनाएं हैं जो अक्षम्य है. पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को भी यह समझना चाहिए कि ऐसी किताब में अमेरिका की सरकार की अत्यधिक गोपनीय सूचनाएं होना अस्वीकार्य है जो प्रकाशित होगी. यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. इसकी समीक्षा नहीं की गई है.

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