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चीन को करारा झटका, 10 द्वीपीय देशों से नहीं हुआ करार

चीन ने प्रशांत महासागर क्षेत्र के 10 द्वीपीय देशों के साथ करार करने की योजना बनाई थी, जो सफल नहीं हो सकी है.

चीन ने प्रशांत महासागर क्षेत्र के 10 द्वीपीय देशों के साथ करार करने की योजना बनाई थी, जो सफल नहीं हो सकी है.

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Pradeep Singh
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शी जिनपिंग, राष्ट्रपति, चीन( Photo Credit : News Nation)

प्रशांत महासागर क्षेत्र के 10 द्वीपीय देशों को साधने की चीन की कोशिशों को करारा झटका लगा है. हाल ही में सोलोमन द्वीप के साथ सुरक्षा करार कर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की चुनौती बढ़ाने वाले चीन को 10 देशों के साथ करार की उम्मीद थी. चीन के विदेश मंत्री वांग यी यही उम्मीद लेकर मीटिंग के लिए फिजी पहुंचे थे, लेकिन किसी समझौते पर सहमति नहीं बन सकी. इस दौरान वांग यी ने द्वीपीय देशों से कहा कि वे चीन की महत्वाकांक्षाओं को लेकर किसी भी तरह का डर अपने मन में न रखें. चीन ने प्रशांत महासागर क्षेत्र के 10 द्वीपीय देशों के साथ करार करने की योजना बनाई थी, जो सफल नहीं हो सकी है.

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एक रिपोर्ट के मुताबिक द्वीपीय देशों में से कई ने समझौते के कुछ तत्वों को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. दरअसल चीन ने साउथ पैसेफिर रीजन में अपना कूटनीतिक दखल बढ़ाने का प्रयास किया है. जबकि यहां क्षेत्रीय शक्ति ऑस्ट्रेलिया और उसके साथ मिलकर अमेरिका भी अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश में है. चीन के दखल को लेकर चिंताएं भी जाहिर की जाती रही हैं, लेकिन ड्रैगन ने इन्हें खारिज करते हुए कहा था कि उसका लक्ष्य किसी तीसरे देश को टारगेट करना नहीं है. सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने लिखित बयान में कहा कि शी जिनपिंग हमेशा ही आप सभी को अच्छा दोस्त मानते रहे हैं. 

यह भी पढ़ें : 'Modi है तो मुमकिन है', पीएम मोदी ने बदली भारतीय राजनीति की परिभाषा: JP Nadda

हमारे लिए प्रशांत महासागर क्षेत्र के देश भाई और साझेदार की तरह हैं. हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात कैसे बदलते हैं. चीन सरकार की ओर से जारी बयान में शी जिनपिंग के हवाले से कहा गया, 'यह मायने नहीं रखता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य बदलता है. चीन हमेशा आपका अच्छा दोस्त रहेगा और समान आदर्शों पर चलेगा.' चीन ने कहा कि हम हमेशा सभी देशों की समानता के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. इसके लिए यह अहम नहीं है कि वह देश कितना बड़ा है. हमारा मकसद यही है कि द्वीपीय देशों के साथ दोस्ताना संबंध मजबूती के साथ बने रहें. 

मीटिंग के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि सभी देशों के बीच 5 मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा हुई है. हालांकि अब भी हमारे बीच कुछ मुद्दों पर और अधिक बात करने की जरूरत है. रॉयटर्स के मुताबिक जिन 5 मुद्दों पर बात हुई है, उनमें कोरोना के बाद आर्थिक रिकवरी, कृषि और आपदा को लेकर नए केंद्र आदि शामिल हैं. हालांकि इसमें सुरक्षा का मुद्दा शामिल नहीं था. इस मीटिंग में सामोआ, तोंगा, किरिबाती, पापुआ न्यू गिनी, वनुआतु, सोलोमन द्वीप आदि के नेता शामिल थे. गौरतलब है कि वांग यी इन दिनों 7 द्वीपीय देशों की यात्रा पर हैं. ऐसे में इन देशों के साथ करार न हो पाना चीन के लिए करारा झटका है.

China President asia pecific 10 island countries Xi Jinping PM Narendra Modi
      
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