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ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने बाल यौन उत्पीड़न के मामले में कार्डिनल को बरी किया

ऑस्ट्रेलिया के उच्चतम न्यायालय ने बाल यौन उत्पीड़न मामले में दोषी करार दिए गए सबसे वरिष्ठ कार्डिनल की सजाओं को रद्द कर उन्हें दोषमुक्त कर दिया है.

Updated on: 07 Apr 2020, 09:29 AM

कैनबरा:

ऑस्ट्रेलिया के उच्चतम न्यायालय ने बाल यौन उत्पीड़न मामले में दोषी करार दिए गए सबसे वरिष्ठ कार्डिनल की सजाओं को रद्द कर उन्हें दोषमुक्त कर दिया है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुसान कीफल ने कार्डिनल जॉर्ज पेल की याचिका पर मंगलवार को सात न्यायाधीशों के फैसले की घोषणा की. इस फैसले का अर्थ है कि वह 13 माह की सजा काटने के बाद बार्वन जेल से रिहा कर दिए जाएंगे. उन्हें इस मामले में छह साल की सजा सुनाई गई थी.

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पोप फ्रांसिस के पूर्व वित्त मंत्री को 2018 में विक्टोरिया राज्य की जूरी ने दिसंबर 1996 में मेलबर्न के सेंट पैट्रिक्स कैथेड्रल में गायकमंडली के 13 साल के दो लड़कों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया था. पेल को पैरोल का पात्र होने से पहले जेल में तीन साल आठ महीने की सजा काटने का आदेश दिया गया था. हाई कोर्ट ने पाया कि विक्टोरिया की अपीली अदालत अपने 2-1 बहुमत वाले फैसले में गलत थी.

विक्टोरिया की अपीली अदालत ने जूरी के फैसले को बरकरार रखा था. पेल को वेटिकन का तीसरा उच्च रैंकिंग अधिकारी माना जाता है. वह वर्षों पहले अपने ऊपर लगे बाल यौन उत्पीड़न के कई आरोपों को गलत साबित करने के संकल्प के साथ स्वयं अपनी इच्छा से जुलाई 2017 में मेलबर्न लौट कर आए थे. पिछले कुछ वक्त में इस मामले में हुई प्राथमिक सुनवाइयों में सारे आरोप या तो अभियोजकों ने वापस ले लिए थे या अदालतों ने खारिज कर दिए थे लेकिन कैथेड्रल के आरोपों पर सुनवाई जारी थी.

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पेल को सजा गायकमंडली के एक लड़के की गवाही पर हुई थी जिसकी उम्र अब 30 के आस-पास है, जबकि आरोप लगाने वाले दूसरे लड़के की हेरोइन का अत्यधिक सेवन करने से 31 साल की उम्र में मौत हो गई थी. कार्डिनल पेल ने कहा कि उन्हें बरी किया जाना, उनके साथ हुए “गंभीर अन्याय” की भरपाई करता है लेकिन उनके मन में आरोप लगाने वाले के खिलाफ कोई द्वेष नहीं है.