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नेपाल की जमीन पर चीन के कब्जे को लेकर आर्मी चीफ ने भी जताई चिंता  

नेपाली सेना के हेडक्वार्टर में बीते गुरूवार को करीब दो घंटे तक हुई लम्बी चर्चा के दौरान जो मुद्दा सबसे अधिक चीन के द्वारा नेपाल में अतिक्रमण का मामला था.

Updated on: 07 Nov 2020, 01:06 PM

काठमांडू:

नेपाल भ्रमण के दौरान भारतीय थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवाने और नेपाली सेना के प्रधान सेनापति जनरल पूर्ण चंद थापा के बीच काठमांडू में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान चीन के द्वारा लगातार नेपाल की सीमा में अतिक्रमण किए जाने और नेपाली भूमि पर सामरिक भवन बनाए जाने को लेकर गंभीर चर्चा होने की जानकारी मिली है. 

नेपाली सेना के हेडक्वार्टर में बीते गुरूवार को करीब दो घंटे तक हुई लम्बी चर्चा के दौरान जो मुद्दा सबसे अधिक चीन के द्वारा नेपाल में अतिक्रमण का मामला था. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक़ दोनों देशों के आर्मी चीफ के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान चीन के तरफ से लगातार नेपाली सीमा में अतिक्रमण किए जाने और हुम्ला में हाल में बनाए गए सामरिक महत्त्व के भवन निर्माण पर चिंता जताई गई. 

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द्विपक्षीय बैठक के बारे में नेपाली सेना के एक जनरल ने बताया कि इंडियन आर्मी  चीफ के तरफ से भी चीन की हरकत पर अपनी चिंता जाहिर की. जेनरल नरवाने ने उस बैठक में यह उम्मीद जताई कि नेपाल की भूमि से भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि और कार्रवाही को नेपाल नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि चीन, नेपाल के जरिए भारत को टारगेट करने की कोशिश कर रहा है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नेपाली सेना के प्रधान सेनापति जनरल थापा ने इंडियन आर्मी चीफ को यह भरोसा दिलाया कि नेपाल की सरजमीं से भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि को नहीं होने दिया जाएगा.

सूत्रों की मानें तो इंडियन आर्मी चीफ ने नेपाली प्रतिनिधिमंडल को नेपाल की सार्वभौमिकता और अखण्डता की रक्षा के लिए हरसंभव और हर प्रकार की सहायता का आश्वासन भी दिया. नरवाने ने भारतीय सेना में नेपाल के वीर गोर्खाली सिपाहियों और जवानों के योगदान और उनके बलिदान की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की है. 

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नेपाल और भारत के बीच रहे सीमा विवाद को आपसी संवाद और राजनीतिक सूझबूझ के साथ सुलझाने पर दोनों देशों के आर्मी चीफ के बीच सहमति हुई है. इसके लिए दोनों देशो की सेना अपने अपने तरफ से सकारात्मक योगदान करेगी. जनरल नरवाने के भ्रमण के बाद नेपाली सेना के तरफ से एक बयान जारी कर के दोनों सेनाओ के बिच सभी प्रकार के सहयोग के विषय में भी चर्चा होने की बात उल्लेख की गई है. बयान में कहा गया कि इस भ्रमण  सबंध और अधिक घनिष्ठ हुआ है.