भारत-चीन तनाव के बीच पाकिस्तानी रच रहा नई साजिश, शीर्ष कमांडरों ने की बैठक

पाकिस्तान ने चीन समर्थक नीति अपनाई. यह नीति नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ न केवल एक अवसर के रूप में उपयोग करने के लिए, बल्कि पाकिस्तान के संबंध चीन के साथ और मजबूत करने के लिए भी अपनाई जा रही है.

पाकिस्तान ने चीन समर्थक नीति अपनाई. यह नीति नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ न केवल एक अवसर के रूप में उपयोग करने के लिए, बल्कि पाकिस्तान के संबंध चीन के साथ और मजबूत करने के लिए भी अपनाई जा रही है.

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Nihar Saxena
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रावलपिंडी सैन्य मुख्यालय में हुई पाकिस्तानी सेना के कमांडरों की बैठक.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

भारत (India) और चीन (China) के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है. लद्दाख (Ladakh) क्षेत्र में भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो चुके हैं. ऐसे में जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, पाकिस्तानी (Pakistan) सैन्य प्रतिष्ठान घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए रावलपिंडी के जनरल मुख्यालय (GHQ) में एक कॉर्प्स कमांडर की बैठक आयोजित की गई. राष्ट्रीय सुरक्षा पर ब्रीफिंग के लिए आईएसआई (ISI) के मुख्यालय में तीनों सेनाओं के प्रमुखों का जुटना अपने आप में दुर्लभ घटना है.

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बाजवा ने की बैठक की अध्यक्षता
सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई, जिसमें पश्चिमी सीमा के साथ चल रही अफगान शांति प्रक्रिया के क्रमिक सकारात्मक प्रभाव जैसे मुद्दे पर बातचीत हुई. इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से सामान्यीकरण प्रक्रिया का समर्थन जारी रखने का संकल्प भी व्यक्त किया गया. बैठक के दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत के साथ व्याप्त तनाव पर चर्चा की गई. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि बैठक में कश्मीर के नागरिकों के संबंध में भी चर्चा हुई और इस मुद्दे पर भारत को घेरने से लेकर आतंकवादी संगठनों को खुला समर्थन देने का संकल्प लिया गया.

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चीन से तनाव को बतौर अवसर देख रहा पाकिस्तान
बैठक में चीन और भारत के बीच चल रहे तनाव पर भी चर्चा हुई, जहां पाकिस्तान ने चीन समर्थक नीति अपनाई. यह नीति नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ न केवल एक अवसर के रूप में उपयोग करने के लिए, बल्कि पाकिस्तान के संबंध चीन के साथ और मजबूत करने के लिए भी अपनाई जा रही है. कॉर्प्स कमांडर सम्मेलन से एक दिन पहले ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) मुख्यालय में एक दुर्लभ और विस्तृत बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें तीन सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया था. पाकिस्तानी सेनाओं के प्रमुख हालिया माहौल में एलओसी पर देश की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए थे.

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राष्ट्रीय-क्षेत्रीय सुरझा से जुड़े मुद्दे रहे प्रभावी
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बीच हुई इस बैठक में नियंत्रण रेखा और कश्मीर के हालात पर चर्चा हुई. इस बैठक में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा, नौसेना प्रमुख जफर महमूद अब्बासी और वायुसेना प्रमुख मार्शल मुजाहिद अनवर खान शामिल हुए थे. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के कई आला अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा, जीएचक्यू में आज कोर कॉम्प्लेक्स सम्मेलन आयोजित किया गया. इस दौरान फोरम को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर जानकारी दी गई.

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दुर्लभ घटना है तीनों सेना प्रमुखों की आईएसआई संग बैठक
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा पर ब्रीफिंग के लिए आईएसआई के मुख्यालय में तीनों सेनाओं के प्रमुखों का जुटना अपने आप में दुर्लभ घटना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख आमतौर पर जॉइंट चीफ ऑफ स्टॉफ की कमेटी में मिलते हैं, जिसकी बैठक जुलाई 2018 में हुई थी. इस तरह की बैठक केवल संकट के समय में ही होती है.

  • HIGHLIGHTS
  • भारत-चीन सीमा विवाद को एक अवसर बतौर देख रहा है पाकिस्तान.
  • भारत के खिलाफ साजिश रचने को बुलाई रावलपिंडी में अहम बैठक.
  • कश्मीर समेत भारत सीमा पर तनाव फैलाने के लिए कसी कमर.
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