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डॉ. आशीष ने अमेरिका में किया कमाल, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी ये अहम जिम्मेदारी

दुनियाभर में कोरोना की चौथी लहर की आशंका से सभी सरकारें सतर्क हो गई है. इस बीच अमेरिका ने कोविड के नए वेरिएंट से निपटने के लिए अभी से कमर कस ली है. कोविड महामारी के चौथे लहर से निपटने की अगुवाई की जिम्मेदारी डॉ. आशीष झा को दी है.

Updated on: 18 Mar 2022, 01:14 PM

highlights

  • राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. आशीष को कोविड-19 प्रतिक्रिया समन्वयक बनाया
  • मधुबनी जिले के परसौली गांव में 1970 में हुआ था. डॉ. आशीष का जन्म
  • ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन हैं डॉ. आशीष

 

नई दिल्ली:

दुनियाभर में कोरोना की चौथी लहर की आशंका से सभी सरकारें सतर्क हो गई है. इस बीच अमेरिका ने कोविड के नए वेरिएंट से निपटने के लिए अभी से कमर कस ली है. कोविड महामारी के चौथे लहर से आशंकित अमेरिका ने इससे निपटने की अगुवाई की जिम्मेदारी बिहार के मधुबनी जिले में जन्मे डॉ. आशीष झा को दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. डॉ. आशीष ने 5 अप्रैल को यह जिम्मेदारी संभालेंगे.  डॉ. आशीष को राष्ट्रपति जो बाइडेन का कोविड-19 प्रतिक्रिया समन्वयक बनाया गया है.

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डॉ. आशीष का जन्म मधुबनी जिले के केलुवाही स्थित पुरसौलिया गांव में 1970 में हुआ था. डॉ. आशीष 1983 से अमेरिका में रह रहे हैं. उन्होंने 1992 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र (Economics) में ग्रेजुएट किया. इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से आंतरिक चिकित्सा में प्रशिक्षण प्राप्त किया. फिर हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से एमडी की डिग्री हासिल की.  फिलहाल वे  ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन हैं.

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डॉ. आशीष झा को अमेरिका में मिली इस बड़ी जिम्मेदारी से उनके गांव में खुशी का माहौल है. डॉ. आशीष के पैतृक गांव परसौली के एक ग्रामीण और उनके पड़ोसी गोविंद झा ने बताया कि डॉ. आशीष के पिता परमेश्वर झा शिक्षक थे. वहीं, उनके चाचा कामेश्वर झा मधुबनी में डॉक्टर थे. लेकिन दोनों का देहांत हो चुका है. उन्होंने बताया कि अब उनके परिवार का कोई भी शख्स गांव में नहीं रहता है. हालांकि उन्होंने कहा गांव वालों को इस बात पर गर्व है कि अमेरिका में महत्वपूर्ण स्थान पाने वाले डॉ. आशीष का जन्म उनके गांव में हुआ था.