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आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका में आपातकाल लागू, आमजन में भारी गुस्सा

पेट्रोल-डीजल की कमी से हालात इतने खराब हैं कि बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईंधन तक पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं.

Updated on: 02 Apr 2022, 07:03 AM

highlights

  • विदेशी मुद्रा की किल्लत से जरूरी वस्तुओं के आयात तक के लाले
  • पेट्रोल-डीजल की जबर्दस्त कमी से निजी-सरकारी वाहनों की गति ठप
  • कई इलाकों में 14-15 घंटे तक बिजली की आपूर्ति हो रही बाधित

कोलंबो:

अपनी आजादी के बाद ऐतिहासिक आर्थिक मंदी से घिरे श्रीलंका (Srilanka) की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. ऐसे में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajpakse) ने अपने घर के बाहर लोगों के हिंसक प्रदर्शन के बाद देश में आपातकाल लागू कर दिया है. इस बारे में जारी गजट में कहा है कि आमजन की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रख जरूरी सेवाओं और आपूर्ति श्रंखला को सुचारू रूप से बरकरार रखने के लिए आपातकाल (Emergency) लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही पश्चिमी प्रांत में कुछ घंटों कर्फ्यू लगा दिया गया है. गौरतलब है कि गुरुवार को राष्ट्रपति राजपक्षे के घर के बाहर धरना-प्रदर्शन के दौरान लोगों की पुलिस बल से हिंसक झड़प हो गई थी. 

विदेशी मुद्रा की कमी 
भारत के पड़ोसी देश की हर गुजरते दिन के साथ स्थिति बद् से बद्तर होती जा रही है. दो करोड़ बीस लाख की आबादी वाला द्वीप देश श्रीलंका आजादी के बाद सबसे खराब मंदी की चपेट में है. यहां तक कि आवश्यक वस्तुओं के आयात के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा तक की किल्लत हो गई है. पेट्रोल-डीजल की कमी से हालात इतने खराब हैं कि बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईंधन तक पर्याप्त नहीं है. इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं, तो कागज नहीं खरीद पाने से उपजी किल्लत की वजह से परीक्षाएं तक रद्द करनी पड़ी हैं. आलम यह है कि कई इलाकों में बिजली की 14-15 घंटे की कटौती की जा रही है.

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गुरुवार को राजपक्षे के घर के बाहर हुआ था हिंसक प्रदर्शन
इस आर्थिक संकट से त्राहि माम कर रहे आम श्रीलंकाई नागरिकों ने गुरुवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके आवास के सामने प्रदर्शन किया था. पुलिस के रोकना पर प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए और पथराव के बाद पुलिस के वाहन फूंक दिए. इस अराजकता को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस पानी की बौछार का सहारा लेना पड़ा था. इसके बाद ही राष्ट्रपति राजपक्षे को एक अप्रैल को आपातकाल लागू करने के लिए गजट लाना पड़ा. 

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राष्ट्रपति को तमाम शक्तियां देता हा सुरक्षा अध्यादेश
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने निहित अधिकारों के तहत देश भर में सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश की धाराएं लागू कर दी हैं. ये धाराएं उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण, विद्रोह के दमन, दंगा या नागरिक हंगामा या आवश्यक आपूर्ति के रखरखाव के लिए नियम बनाने का अधिकार देती हैं. इन आपातकालीन नियमों के तहत राष्ट्रपति किसी भी संपत्ति पर कब्जा करने और किसी भी परिसर की तलाशी लेने के लिए हिरासत को अधिकृत कर सकता है. यही नहीं वह किसी भी कानून को बदल या निलंबित भी कर सकता है.