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नुपुर की लगाई आग बुझी भी नहीं... अब तेजस्वी ने मुगलों को बताया हिटलर जैसा

तेजस्वी सूर्या ने मुगलों की तुलना हिटलर के यहूदियों पर किए गए अत्याचार से कर डाली. हालांकि तेजस्वी ने इस बयान के लिए अमेरिकी इतिहासकार विल ड्यूरेंट की किताब का हवाला दिया है.

Updated on: 06 Jun 2022, 12:26 PM

highlights

  • इस्लाम का इतिहास रक्तपात और खूनी हिंसा से भरा हुआ
  • भारत में मुगल आक्रमण इतिहास का सबसे रक्तरंजित पाठ
  • विरोध देख सूर्या का कार्यक्रम कैंसिल, वीजा रद करने की मांग

कैनबरा:

अभी बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी से भड़की आग शांत भी नहीं हुई है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचे बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का बयान उसमें घी डालने का काम कर सकता है. उन्होंने एक बड़ा बयान देते हुए भारत में मुगलों के आक्रमण को इतिहास का सबसे रक्तरंजित पाठ करार दिया है. यही नहीं, तेजस्वी सूर्या ने मुगलों की तुलना हिटलर के यहूदियों पर किए गए अत्याचार से कर डाली. हालांकि तेजस्वी ने इस बयान के लिए अमेरिकी इतिहासकार विल ड्यूरेंट की किताब का हवाला दिया है. यह अलग बात है कि उनके बयानों का विरोध शुरू हो गया और भड़काऊ-हिंसा फैलाने वाले बयानों के लिए उनका वीजा रद करने की मांग भी उठने लगी है. 

इस्लाम का इतिहास रक्तपात-हिंसा से भरा
जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग कार्यक्रम के दौरान पैरामाटा में सोमवार को तेजस्वी सूर्या ने इशारों-इशारों में कहा कि इस्लाम का इतिहास रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ है. उन्होंने कहा, 'हम इस विशेष समुदाय के इतिहास को इसके अस्तित्व के समय से जानते हैं और इसका इतिहास रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ है.' इस बयान के बाद तेजस्वी सूर्या ने हलाल भोजन पर प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहा कि हिंदू समुदाय को उन पार्टियों को वोट देना चाहिए जो विशेष रूप से हिंदुओं की रक्षा करती हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में यहूदियों पर अत्याचार की फिल्में और म्यूजियम हैं, लेकिन हिंदुओं पर टीपू सुल्तान, मोहम्मद गौरी, अलाउद्दीन खिलजी के अत्याचार की बात भी नहीं होती है.

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वीजा रद करने की मांग
गौरतलब है कि तेजस्वी सूर्या ने ये बयान एक निजी कार्यक्रम में दिया था, लेकिन इसके आम होते ही विरोध शुरू हो गया. इसके बाद स्वाइनबर्न इस्लामिक सोसाइटी ने स्वाइनबर्न प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को पत्र लिख उनके 31 मई को होने वाले कार्यक्रम को रद करने की मांग कर दी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने तेजस्वी सूर्या के विरोध को देखते हुए अंततः यह कार्यक्रम रद ही कर दिया. और तो और तेजस्वी सूर्या जिस ऑस्ट्रेलिया यूथ डायलॉग कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे, उसे भी स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. 
इस्लाम का इतिहास रक्तपात और हिंसा से भरा हुआ

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हो रहा है भारी विरोध
ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग ने कहा है कि वह किसी भी प्रतिनिधि के विचारों का समर्थन नहीं करता है. इसके बावजूद तेजस्वी सूर्या का ऑस्ट्रेलिया में विरोध तेज हो गया है. ऑस्ट्रेलिया में मुस्लिम छात्रों, संगठनों और धार्मिक संगठनों ने कई जगह विरोध-प्रदर्शन किया है. एक मुस्लिम संगठन के छात्र जुनैद अहमद ने कहा कि तेजस्वी सूर्या को यूनिवर्सिटी में बोलने की इजाजत देना हेट स्पीच और इस्लामोफोबिया को बढ़ाने वाला है. यही नहीं, तेजस्वी सूर्या के ऑस्ट्रेलिया वीजा को रद करने की बात भी उठने लगी है. इस कड़ी में एक पेटीशन पर 5,600 से ज्यादा लोग हस्ताक्षर भी कर चुके हैं.