कहने को तो अफगानिस्तान (Afghanistan) दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल है. हाल ही में तालिबान ने जबरन वहां कत्लेआम मचाकर कब्जा करने के बाद सरकार बना ली है. लेकिन क्या आपको पता है तालिबान अकूत खजाने का मालिक है. अफगानिस्तान के खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार उनके देश में 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 75.55 लाख करोड़ रुपये के प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं. जो किसी विकसित देश से कम नहीं है. अफगानिस्तान में खनिजों और धातुओं के स्रोत का अध्ययन करने वाले जियोलॉजिस्ट स्कॉट मॉन्टगोमेरी ने बताया कि इस देश में अगर 7 से 10 साल तक बड़े पैमाने पर खनिज खनन का काम हो तो यह देश की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है. जिसके बाद इस देश से गरीब देश का तमगा हट सकता है.
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जमीन के अंदर दफन है खजाना
रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि 3.8 करोड़ की आबादी वाले इस देश में 2.22 लाख करोड़ किलोग्राम लौह अयस्क, 1.30 लाख किलोग्राम मार्बल और 1.40 लाख किलोग्राम दुर्लभ धातु मौजूद हैं. जो इसे आर्थिक रूप से मजबूद देशों की तुलना में खड़ा करने के लिए काफी है. लेकिन यहां पर सुरक्षा की कमी, कमजोर कानून और भ्रष्टाचार की वजह से इस देश का विकास और खनन क्षेत्र के फैलाव की संभावना कम ही हैं. जिसका खामियाजा आज तक देश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. आपको बता दें कि दशकों से चल रहे युद्ध, गृहयुद्ध और आतंकवाद की वजह से 'अफगानिस्तान का खजाना' जमीन के अंदर ही दफन है.
रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यहां पर 15.39 करोड़ किलोग्राम लेड-जिंक, 10 करोड़ किलोग्राम सेलेसटाइट और 2698 किलोग्राम सोना है. अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा लौह अयस्क है. 2.22 लाख करोड़ किलोग्राम लौह अयस्क से 2 लाख एफिल टावर का निर्माण किया जा सकता है. आपको बता दें कि साल 1889 में पेरिस में बने 1063 फीट ऊंचे एफिल टावर के निर्माण में 73 लाख किलोग्राम लोहा लगा था. वहीं अफगानिस्तान में 2698 किलोग्राम सोने का भंडार है. ये बडकशान से ताखर और गजनी से जाबुल तक फैला हुआ है.
इन देशों से एक्पोर्ट संबंध
अफगानिस्तान से 90 फीसदी उत्पाद तीन ही देशों में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होते हैं. 45 फीसदी संयुक्त अरब अमीरात, 24 फीसदी पाकिस्तान और 22 फीसदी भारत में. लेकिन 15 अगस्त 2021 से तालिबान के कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान से एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का बिजनेस बंद है. 2 सितंबर 2021 को तालिबान ने चीन के आर्थिक मदद से खनिज उद्योग को बढ़ाने का फैसला किया है. हालाकि वहां की जनता अभी डर के माहोल में ही जीवन व्यतीत कर रही है.
HIGHLIGHTS
- बावजूद इसके दुनिया के सबसे गरीब देशों में शामिल है अफगानिस्तान
- 1 ट्रिलियन डॉलर यानी 75.55 लाख करोड़ रुपये के प्राकृतिक संसाधन मौजूद
- खान एवं पेट्रोलियम मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सामने आया सच