चोरी की तो काटे जाएंगे हाथ और...इन अपराधों के लिए तालिबान देगा यह सजा

अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन से पहले तालिबान ने क्रूरता वाला कदम उठाया है. तालिबान ने अफराधों के लिए नई सजाओं का ऐलान किया है, जिसके अंतर्गत अगर कोई शख्स चोरी करता पकड़ा जाता है तो उसके हाथ काटे जाएंगे

अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन से पहले तालिबान ने क्रूरता वाला कदम उठाया है. तालिबान ने अफराधों के लिए नई सजाओं का ऐलान किया है, जिसके अंतर्गत अगर कोई शख्स चोरी करता पकड़ा जाता है तो उसके हाथ काटे जाएंगे

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Mohit Sharma
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Taliban ( Photo Credit : ANI)

अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन से पहले तालिबान ने क्रूरता वाला कदम उठाया है. तालिबान ने अफराधों के लिए नई सजाओं का ऐलान किया है, जिसके अंतर्गत अगर कोई शख्स चोरी करता पकड़ा जाता है तो उसके हाथ काटे जाएंगे. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह ने न्यूज नेशन को दी विशेष जानकारी में बताया कि अफगानिस्तान में अब शरिया नियमों के मुताबिक दंड दिया जाएगा. जबीहुल्लाह ने कहा कि अफगानिस्तान में नई सरकार का गठन आज नहीं होगा. लेकिन नई सरकार की कमान मुल्ला बरदार संभालेंगे. जबकि शूरा काउंसिल अफगानिस्तान की शासन व्यवस्था संभालेगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही नई सरकार के गठन का ऐलान कर दिया जाएगा. 

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तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर एक नई अफगान सरकार का नेतृत्व करने के लिए तैयार है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है. इस्लामिक आतंकी समूह के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम तब सामने आया है, जब तालिबान पंजशीर घाटी में विद्रोही लड़ाकों से जूझ रहा है और दूसरे मोर्चे पर आर्थिक पतन को रोकने का प्रयास कर रहा है. टोलो न्यूज ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि बरादर, जो दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है, उसके साथ तालिबान के दिवंगत सह-संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई सरकार में वरिष्ठ पदों पर शामिल होंगे. तालिबान के एक अधिकारी ने एक वैश्विक न्यूज वायर को बताया, "सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच गए हैं, जहां नई सरकार की घोषणा करने की तैयारी अंतिम चरण में है." तालिबान के एक अन्य सूत्र ने कहा कि तालिबान का सर्वोच्च धार्मिक नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा इस्लाम के ढांचे के भीतर धार्मिक मामलों और शासन पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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तालिबान, जिसने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था, वह देश के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से अपना नियंत्रण स्थापित कर चुका है. हालांकि उसे भारी लड़ाई और हताहतों की रिपोर्ट के साथ, राजधानी के उत्तर में पंजशीर घाटी में प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है और अभी तक भी वह पंजीशीर घाटी पर अपना नियंत्रण स्थापित नहीं कर पाया है. मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में क्षेत्रीय मिलिशिया के कई हजार लड़ाके और सरकार के सशस्त्र बलों के कुछ सैनिक बीहड़ घाटी में जमा हुए हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि किसी समझौते पर बातचीत करने के प्रयास विफल हो गए हैं और प्रत्येक पक्ष विफलता के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहा है. टोलो न्यूज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दाताओं और निवेशकों की नजर में सरकार की वैधता लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था और एक संघर्ष की तबाही को देखते हुए महत्वपूर्ण होगी, जिसमें अनुमानित 240,000 अफगान मारे गए हैं.

Source : News Nation Bureau

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