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संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित नहीं कर पाए अफगानिस्तान-म्यांमार, जनरल डिबेट की सूची से हटा नाम

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा (जनरल डिबेट) के आखिरी दिन के वक्ताओं की सूची के अनुसार अफगानिस्तान तथा म्यामांर के नाम सूची में नहीं था.

Updated on: 28 Sep 2021, 09:38 AM

वॉशिंगटन:

अफगानिस्तान (Afghanistan) और म्यामांर (Myanmar) सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) की उच्चस्तरीय आम चर्चा को संबोधित नहीं कर पाए. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा (जनरल डिबेट) के आखिरी दिन के वक्ताओं की सूची के अनुसार अफगानिस्तान तथा म्यामांर के नाम सूची में नहीं था. यहां गौर करने वाली बात ये है कि पिछले अस्थायी वक्ताओं की सूची में देशों के राजनयिकों को जनरल डिबेट में बोलने के लिए सूचीबद्ध किया गया था. यूएन महासचिव के एक प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा संयुक्त राष्ट्र की आम बहस से भाग लेने का निर्णय उनका अपना निर्णय था.  

जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) की प्रवक्ता मोनिका ग्रेली (Monica Grayley) से पूछा गया कि जनरल डिबेट के अंतिम दिन के लिए अफगानिस्तान और म्यांमार को वक्ताओं के रूप में सूचीबद्ध क्यों नहीं किया. इस पर उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी मिली है कि सदस्य देशों ने आज के लिए निर्धारित जनरल डिबेट में अपनी भागीदारी को वापस ले लिया है. ग्रेली ने कहा कि म्यांमार ने कुछ समय पहले और सप्ताहांत में अफगानिस्तान ने जनरल डिबेट से अपनी भागीदारी वापस ले ली. हमें इसकी जानकारी दी है.

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पिछले हफ्ते तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर कहा था कि प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत के रूप में मान्यता दी जाए. इसमें शाहीन को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में शिरकत करने देने की मांग की गई थी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा था कि सोमवार के लिए फिलहाल सूची में अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के तौर पर गुलाम एम इसकजई का नाम है.

वहीं म्यामांर में सत्ता हस्तांतरण के बाद उसके सैन्य शासकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में म्यामांर के राजदूत क्यॉ मुई तुन को हटा दिया गया है और वे चाहते हैं कि उनकी जगह आंग थुरीन को बनाया जाए. म्यांमार और अफगानिस्तान दोनों ने वर्तमान व्यवस्था के तहत संयुक्त राष्ट्र में अपने स्वयं के दूतों को नामित किया. वहीं, शीर्ष सरकारों के स्थायी प्रतिनिधि महासभा में अभी भी मौजूद हैं. वहीं, संयुक्त राष्ट्र में दोनों देशों का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र की क्रिडेंशियल कमेटी के पास है. 20 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र जनरल डिबेट की शुरुआत की पूर्व संध्या पर महासचिव को ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी का एक लेटर मिला. इसमें महासभा में भाग लेने की अनुमति मांगी गई.