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Corona Vaccine: नार्वे में कोरोना वैक्‍सीन लेने के बाद मरे 13 लोग, फाइजर के टीके पर खड़े हुए सवाल

नार्वे में कोरोना वैक्सीन लगवाने के दो हफ्तों बाद ही टीके के साइड इफेक्ट देखे गए हैं. नार्वे में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है.

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Dalchand Kumar
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नार्वे में कोरोना वैक्‍सीन लेने के बाद 13 मरे, Pfizer के टीके पर सवाल( Photo Credit : फाइल फोटो)

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नार्वे में कोरोना वैक्सीन लगवाने के दो हफ्तों बाद ही टीके के साइड इफेक्ट देखे गए हैं. नार्वे में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नार्वे की मेडिसिन एजेंसी ने इसकी पुष्टि की है. एजेंसी के मेडिकल डायरेक्‍टर स्‍टेइनार मैडसेन ने देश के राष्‍ट्रीय प्रसारक एनआरके से बातचीत में कहा है कि इन 13 मौतों में से 9 गंभीर साइड इफेक्‍ट और 7 कम गंभीर साइड इफेक्‍ट के मामले हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नार्वे में 4 जनवरी के बाद कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ था. यहां लोगों को फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन दी जा रही है. अब तक नार्वे में 33 हजार लोगों को यह वैक्‍सीन लगाई जा चुकी है. हालांकि नार्वे में पहले ही इस बात की घोषणा की गई चुकी थी कि कोरोना वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट होंगे. मेडिसिन एजेंसी के डायरेक्‍टर स्‍टेइनार मैडसेन ने कहा कि मरने वालों कमजोर और बुजुर्ग लोग थे. 

मैडसेन ने कहा, 'कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद जिन लोगों के मौत हुई है, सभी की उम्र 80 साल के ऊपर थी. ये लोग काफी कमजोर और बुजुर्ग थे, जो नर्सिंग होम में रहते थे. जिन 9 मरीजों में गंभीर साइड इफेक्‍ट दिखाई, उनमें एलर्जिक रिएक्‍शन, बहुत ज्‍यादा बेचैनी और तेज बुखार शामिल है. जबकि 7 मरीजों में कम साइड इफेक्‍ट देखे गए, उनमें इंजेक्‍शन वाली जगह पर बहुत तेज दर्द हुआ.' स्‍टेइनार मैडसेन ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वैक्‍सीन लगवाने के बाद इन मरीजों को बुखार और बेचैनी के साइड इफेक्‍ट हुए, जिस कारण से वे गंभीर रूप से बीमार हो गए और आगे चलकर उनकी मौत हो गई.'

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स्‍टेइनार मैडसेन ने जोर देते हुए आगे कहा, 'देश में हृदय रोगी, डिमेन्सिया और कई अन्‍य गंभीर बीमारियां ग्रसित हजारों मरीजों को यह टीका लगाया गया है. हालांकि वह अभी कोरोन वैक्सीन के साइड इफेक्‍ट के इन मामलों को लेकर ज्‍यादा चिंतित नहीं हैं.' उन्होंने यह भी कहा है कि इन वैक्‍सीन का कुछ बीमार लोगों को छोड़कर खतरा बहुत कम है. मैडसेन ने कहा, 'डॉक्‍टरों अब सतर्कतापूर्वक ऐसे लोगों की पहचान करें, जिन्‍हें टीका लगाया जाना है. जो लोग बहुत ही ज्यादा बीमार हैं, जांच करने के बाद उन्‍हें एक-एक करके ही टीका लगाया जाए.'

Source : News Nation Bureau

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