Myanmar Earthquake : म्यांमार में भूकंप की आपदा से करीब 35 लाख लोग बेघर हो चुके हैं और अब भी यहां झटके आ रहे हैं. भूकंप के केंद्र मांडले में रविवार को रिक्टर पैमाने पर 5.1 की तीव्रता वाले झटके आए, जिससे लोग दहशत में हैं. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक म्यांमार में भूकंप से 1700 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3400 से ज्यादा घायल और 1339 लोग लापता हैं. थाईलैंड में 18 लोगों की मौत 33 लोग घायल हैं और 78 लोग लापता हैं. इस बीच राहत कार्य में तेजी के लिए भेजी गई. भारतीय सेना का मानवीय सहायता और आपदा राहत बल बचाव अभियान में जुटा हुआ है. भारत ने पांच विमानों और दो जहाजों से राहत सामग्री और विशेषज्ञों की टीमों को बचाव अभियान के लिए पड़ोसी देश भेजा है.
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मांडले के निकट रविवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप आया
म्यांमार में रविवार तक कम से कम छह झटके और आए हैं. म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के निकट रविवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. शनिवार को 6.4 की तीव्रता वाला भूकंप आया था. शुक्रवार को 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप और उससे हुए नुकसान से लोग उभरने का प्रयास कर रहे हैं. 1700 से अधिक लोगों की मौत ने लोगों को हिलाकर रख दिया है. 3400 से अधिक लोग घायल हैं, सैकड़ों लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है. भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार की तरफ सबसे पहले मदद के हाथ बढ़ाए हुए है. शनिवार देर रात तक पांच सैन्य विमानों से राहत सामग्री बचाव दल और चिकित्सा उपकरण भेज चुका है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर महत्त्वपूर्ण आपूर्ति और उपकरणों को उतारने के बाद भारतीय टीम वहां से 45 मिनट की दूरी पर एक बंदरगाह क्षेत्र में स्थानांतरित हो गई. अभियान का विस्तार रविवार की सुबह शुरू हुआ, जब एक अधिकारी और एक जूनियर कमीशन अधिकारी का टोही दल को वर्तमान बीच से 160 मील उत्तर मांडले पहुंचा. मांडले भारत के राहत बचाव अभियान का केंद्र होगा.
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म्यांमार में 35 लाख लोग बेघर
वहां तक पहुंचने के लिए मुख्यतः हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन ऑपरेशन थिएटर की स्थापना के लिए सड़क मार्ग के उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है. म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में इतनी जाने गई हैं कि हवा दुर्गंध हो गई है. शहर की सड़कों पर शव के टुकड़े फैले हैं. लोग अपनों की तलाश में हाथ से मलबे को हटा रहे हैं. अभी तक यह साफ नहीं है कि इन मलबों में कितने लोग दबे हुए हैं. सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, पुल टूट गए हैं. संचार माध्यम ध्वस्त हो चुके हैं. इसके कारण राहत कार्य प्रभावित हो रहा है. म्यांमार में 35 लाख लोग बेघर हो गए हैं सिर्फ मांडले में ही 15 लाख से अधिक लोग शिविरों में रात गुजार रहे हैं. कैथोलिक रिलीफ सर्विसेस के प्रबंधक यांगून कैरा ब्रैक ने बताया कि कई इलाके तो ऐसे हैं जहां अब तक नहीं पहुंचा जा सका है.