मोरक्को जो 2030 में स्पेन और पुर्तगाल के साथ मिलकर फीफा विश्व कप की मेजबानी करेगा. इस देश में पर्यटन को बढ़ावा देने और शहरों को विजिटर्स के लिए आकर्षक बनाने के उद्देश्य से 30 लाख आवारा कुत्तों को मारने की योजना बनाई गई है. इस निर्णय के बाद दुनिया भर के पशु कल्याण संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मोरक्को की कड़ी आलोचना की है. अंतरराष्ट्रीय पशु कल्याण संगठन ने भी इस कदम की निंदा की है. यह बताते हुए कि आवारा कुत्तों को जहर देने और गोली मारने जैसे अमानवीय तरीकों का उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने वैकल्पिक और मानवीय उपायों को अपनाने की सिफारिश की है. मोरक्को के अधिकारियों ने यह दावा किया था कि यह अभियान अगस्त 2024 में समाप्त हो गया था.
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कुत्तों की हत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई
रिपोर्टों के अनुसार मेजबानी की घोषणा के बाद से कुत्तों की हत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई है. मोरक्को की 30 लाख आवारा कुत्तों को मारने की योजना के खिलाफ इंटरनेशनल एनिमल वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन कोलिशन ने कड़ी चेतावनी दी है. इस अभियान को और क्रूर करार देते हुए संगठन ने कहा कि यह योजना केवल मोरक्को में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में पशु कल्याण को लेकर गलत संदेश देगी. प्रसिद्ध प्राईमेटोलॉजिस्ट और पशु अधिकार अधिवक्ता जेन गुडोल ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने फीफा को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह इस नरसंहार को रोकने के लिए हस्तक्षेप करें. गुडोल ने एक अपने पत्र में बताया कि आवार कुत्तों के खिलाफ यह अभियान केवल अनैतिक ही नहीं बल्कि पूरी तरह से गैर जरूरी भी है.
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एनिमल वेलफेयर को लेकर उठने लगी आवाज
गुडोल ने सुझाव दिया है कि मोरक्को में आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए मानवीय विकल्प अपनाए जाएं. जैसे टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रम पुनर्वास केंद्रों की स्थापना आवारा कुत्तों को मारने के बजाय स्थानीय योजनाओं पर काम किया जाए. फीफा ने अभी तक मौरक्को में कुत्तों की हत्या की योजना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. इसकी वजह से पशु कल्याण सं ठन और कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे को लेकर अब सभी की निगाहें फीफा पर है.