मेहुल चोकसी के भारत आने का रास्ता हुआ साफ, बेल्जियम कोर्ट ने प्रत्यर्पण पर नहीं लगाई रोक

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि उसके भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है.

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि उसके भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है.

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Dheeraj Sharma
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PNB Scam Accused Mehul Choksi

PNB Scam Accused Mehul Choksi Photograph: (Social Media)

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि उसके भारत प्रत्यर्पण में कोई कानूनी बाधा नहीं है. अदालत के फैसले के बाद अब चोकसी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है.

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चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, विदेशी माना गया

कोर्ट में चोकसी की नागरिकता पर सवाल उठा. अदालत ने कहा कि मेहुल चोकसी ने यह दावा नहीं किया कि वह बेल्जियम का नागरिक है. इसलिए उसे विदेशी नागरिक माना गया। चोकसी पर भारत में गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें-

- आपराधिक साजिश (धारा 120-B)

- सबूत मिटाना (धारा 201)

- सरकारी पैसे की हेराफेरी (धारा 409)

- धोखाधड़ी (धारा 420)

- झूठे रिकॉर्ड बनाना (धारा 477A)

- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध

बता दें कि ये सभी अपराध एक साल से अधिक सजा योग्य हैं, इसलिए प्रत्यर्पण न्यायोचित है. 

केवल एक आरोप पर मिली राहत

बेल्जियम की अदालत ने माना कि चोकसी के अधिकतर अपराध बेल्जियम कानून में भी संगीन माने जाते हैं- जैसे धोखाधड़ी, जालसाजी, गबन, रिश्वतखोरी आदि.  हालांकि, सबूत मिटाने का अपराध बेल्जियम कानून में अपराध नहीं है, इसलिए इस विशेष आरोप पर प्रत्यर्पण की अनुमति नहीं दी गई.

राजनीतिक शिकार नहीं, निष्पक्ष सुनवाई संभव

चोकसी की ओर से तर्क दिया गया कि भारत में उसके साथ अन्याय हो सकता है और न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है.
कोर्ट ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि भारत में चोकसी को निष्पक्ष सुनवाई, उचित सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

भारत की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जिसमें दो सेल, निजी शौचालय और चिकित्सा सुविधाएं होंगी. 

किडनैपिंग का आरोप भी खारिज

चोकसी ने दावा किया था कि उसे भारत सरकार के इशारे पर एंटीगुआ से अगवा किया गया. लेकिन कोर्ट ने कहा कि इसके कोई ठोस सबूत नहीं हैं. उसकी  ओर से पेश की गई एक्सपर्ट रिपोर्ट्स और मेडिकल दस्तावेजों को भी अदालत ने पर्याप्त नहीं माना. 

अब क्या होगा आगे?

बेल्जियम कोर्ट के इस फैसले के बाद भारत सरकार के लिए मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित कर लाना कानूनी रूप से संभव हो गया है. यदि अंतिम प्रक्रियाएं भी पूरी हो जाती हैं, तो वह जल्द ही भारत में अदालत के सामने पेश किया जाएगा.

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