दक्षिण कोरिया में लगाया गया मार्शल लॉ, राष्ट्रपति यून सुक येओल ने आपातकालीन संबोधन में की घोषणा

Martial law imposed in South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की है. उन्होंने मंगलवार रात सरकार टीवी पर आपातकालीन संबोधन में इस बात की घोषणा की.

Martial law imposed in South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की है. उन्होंने मंगलवार रात सरकार टीवी पर आपातकालीन संबोधन में इस बात की घोषणा की.

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Suhel Khan
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South Korea President Yoon Suk Yeol

दक्षिण कोरिया में लगाया गया मार्शल लॉ (Social Media)

Martial law imposed in South Korea: दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है. ये घोषणा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक येओल ने मंगलवार को एक आपातकालीन संबोधन के दौरान की. राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अपने राष्ट्रीय संबोधन में कहा कि देश में मार्शल लॉ लागू किया जा रहा है. देशभर में राष्ट्रपति के इमरजेंसी संबोधन का सीधा प्रसारण किया गया.

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सरकारी टेलीविजन पर मंगलवार देर रात किए गए संबोधन में राष्ट्रपति येओल ने दावा किया कि वह "बेशर्म उत्तर कोरिया समर्थक राज्य विरोधी ताकतों" को खत्म कर देंगे. इसलिए मैं आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा करता हूं." हालांकि उन्होंने परमाणु-संचालित उत्तर कोरिया से किसी विशेष खतरे का कोई जिक्र नहीं किया.

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क्या है मार्शल लॉ लगाने की वजह?

इसके साथ ही राष्ट्रपति यूं सुक येओल मार्शल लॉ को देश की स्वतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए जरूरी उपाय बताया. बता दें कि राष्ट्रपति ने  यह घोषणा अगले साल के बजट को लेकर अपनी पार्टी 'पीपुल्स पावर पार्टी' और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच तीव्र विवादों के बाद की है. गौरतलब है कि 300 सदस्यीय संसद में बहुमत रखने वाले विपक्षी सांसदों ने कुछ दिन पहले एक छोटे बजट प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.

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जिसकी राष्ट्रपति यून ने प्रमुख फंडिंग में कटौती करने के लिए आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि, "हमारी नेशनल असेंबली अपराधियों के लिए स्वर्ग बन गई है, विधायी तानाशाही का अड्डा बन गई है, जो न्यायिक और प्रशासनिक प्रणालियों को अपंग कर देना चाहती है. साथ ही हमारी उदार लोकतांत्रिक व्यवस्था को पलट देना चाहती है.

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दक्षिण कोरिया की संसद पर है विपक्ष का कंट्रोल

बता दें कि यून सुक योल साल 2022 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बने थे, लेकिन पद ग्रहण करने के बाद से ही वह लगातार विपक्ष द्वारा नियंत्रित संसद के खिलाफ अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. जिसके चलते देश के लोगों के बीच उनकी रेटिंग में भारी गिरावट आई है. यून की पार्टी अगले साल के बजट बिल को लेकर विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गतिरोध में फंसी हुई है. यही नहीं वह अपनी पत्नी के अलावा शीर्ष अधिकारियों से जुड़े घोटालों की स्वतंत्र जांच की मांग को भी खारिज कर चुके हैं. जिसके चलते वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर आ गए हैं.

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